डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में हाल में एक फर्जी नेता अनूप चौधरी को गिरफ्तार किया गया था. अब ऐसे ही एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है. यह शख्स खुद को लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) बताकर निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों को ठगता था. इस शातिर अपराधी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया है कि इस शख्स के खिलाफ अपने ही तीन दोस्तों की हत्या करने का भी आरोप है. इतना ही नहीं राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश को मिलाकर उसके खिलाफ कुल 13 मामले दर्ज हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शैलेष कुमार पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि राजस्थान निवासी राधेश्याम उर्फ सुभाष कुंतल खुद को लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) बताकर निरीक्षक और उप निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को धमकाता था. बताया गया है कि आरोपियों की जानकारी मांगने और बाद में आरोपियों के परिजन से मामलों से नाम हटवाने के नाम पर पैसे ऐंठता था.
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गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती हुआ आरोपी
उन्होंने बताया कि बुधवार रात मगोर्रा क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. मुठभेड़ में गोली लगने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है. उन्होंने बताया कि राधेश्याम ने पिछले सोमवार को फरह के थाना प्रभारी से तेल चोरी करने के अभियुक्त निशांत कार्णिक के बारे में जानकारी मांगी थी और अपना परिचय लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) के रूप में बताते हुए काम नहीं करने पर देख लेने की धमकी दी थी. एसएसपी ने आगे बताया कि इसके बाद स्थानीय पुलिस और विशेष अभियान दल ने दो दिन उसके बारे में पूरी तहकीकात की.
जांच में पता चला कि फोन पर धमकी देने वाला राधेश्याम मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में कुल 13 मामले दर्ज हैं. वह अपने तीन साथियों की हत्या भी कर चुका है. उन्होंने बताया कि पुलिस को उसके पास से आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी के 21 फर्जी विजिटिंग कार्ड, आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी का एक फर्जी विजिटिंग कार्ड, तमंचा, कारतूस और मोटरसाइकिल बरामद हुई है.
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अपर पुलिस अधीक्षक (देहात क्षेत्र) त्रिगुण बिसेन ने बताया कि राधेश्याम के खिलाफ मथुरा के हाइवे थाने में पांच और कोसीकलां में एक मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा भरतपुर में चार और जयपुर में दो मामले दर्ज हैं. उसके खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला जम्मू-कश्मीर में भी दर्ज है. वह पहले सेना में भर्ती कराने के नाम पर गिरोह के माध्यम से युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है. उन्होंने बताया कि राधेश्याम अक्सर अपराध का तरीका बदलता रहता है. उसने गिरोह से कमाए रुपयों की खातिर अपने ही तीन साथियों मुकेश कुमार यादव, रामेंद्र यादव और अरविंद की 2014 में मथुरा बुलाकर हत्या कर दी थी और रुपये लूटकर अपने अन्य साथियों के साथ फरार हो गया था.
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फर्जी नेता के बाद यूपी में पकड़ा गया फर्जी IPS, खुद को अधिकारी बताकर कर रहा था ठगी