उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की भर्ती (UP 69,000 Teachers Recruitment) के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्टे लगाया है. हाई कोर्ट (High Court) ने सरकार को तीन महीने के अंदर भर्ती की नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई धी, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्टे लगा दिया है.
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया था ये आदेश
इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 23 सितंबर की तय की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए हमें थोड़ा वक्त चाहिए होगा. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसले में कहा था कि शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण के मानकों का पालन नहीं किया गया है. लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को 3 महीने के अंदर नई मेरिट निकालने का निर्देश दिया था. इसके बाद से शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा था.
यह भी पढ़ें: Noida के स्कूल में KG की बच्ची से गंदी हरकत, आरोपी और प्रिंसिपल समेत 5 गिरफ्तार
सोमवार कोसीजेआई की बेंच के सामने याचिकाकर्ता शिवम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि हाई कोर्ट ने किस आधार पर फैसला दिया है, इसे समझने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए होगा. फैसले की समीक्षा के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. इस केस की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी.
विपक्षी दल सरकार पर साध रहे निशाना
69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार पर विपक्षी दल निशाना साध रहे हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने शिक्षकों की भर्ती को बीजेपी सरकार का बहुत बड़ा घोटाला करार दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें आरक्षण का पालन नहीं हुआ है और बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. विपक्ष ही नहीं सहयोगियों के निशाने पर भी यह भर्ती है. अपना दल से सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि इस भर्ती में ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है.
यह भी पढ़ें: Adani Group की बांग्लादेश सरकार को बड़ी चेतावनी, इस कारण छा जाएगा पूरे देश में अंधेरा
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
69,000 शिक्षकों की भर्ती मामले पर हाई कोर्ट के फैसले पर Supreme Court ने लगाई रोक