केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर के मनसर में भारत के पहले बायो-बिटुमेन आधारित नेशनल हाइवे का उद्घाटन किया है. मनसर में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 स्थित मनसर- नागपुर बाईपास पर बने इस हाईवे का निर्माण फसल अवशेषों से बने कोलतार के इस्तेमाल से किया गया है.
क्या होता है बायो-बिटुमेन
बायो-बिटुमेन एक काला पदार्थ है जो कच्चे तेल के डिस्टिलेशन से मिलता है. इसका इस्तेमाल व्यापक रूप से सड़कों और छतों को बनाने के लिए किया जाता है. बायो-बिटुमेन का इस्तेमाल करने से पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है. बताया गया कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने धान के भूसे से बायो-बिटुमेन विकसित किया है.
नितिन गडकरी ने बताए फायदे
गडकरी ने आगे बताया, 'यह इनोवेशन जैव-रिफाइनरियों के लिए राजस्व पैदा करके, पराली जलाने को कम करके और जीवाश्म-आधारित बिटुमेन की तुलना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कम से कम 70 प्रतिशत की कटौती करेगा, जो वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों का समर्थन करता है. प्रचुर मात्रा में लिग्नोसेल्यूलोसिक बायोमास का लाभ उठाते हुए, यह टिकाऊ औद्योगिक विकास के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है.'
#WATCH | Nagpur: Union Minister Nitin Gadkari says, "Due to the burning of stubble in Punjab and Haryana there is a problem of pollution in Delhi. Now we are making CNG from the rice straw...Now the farmers which are the 'annadata', 'urjadata' will become 'bitumendata'...This… https://t.co/ptPe1ZMeXn pic.twitter.com/ONA9QVWYvQ
— ANI (@ANI) December 21, 2024
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण की समस्या है. अब हम चावल के भूसे से सीएनजी बना रहे हैं. अब किसान जो अन्नदाता, ऊर्जादाता हैं, वे बिटुमेनदाता बन जाएंगे. इससे कचरे से मूल्य सृजन में मदद मिलेगी और किसानों को भी लाभ होगा.'
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गडकरी ने निकाला 'Pollution का Solution', जानें क्या है देश का पहला बायो-बिटुमेन हाइवे