केंद्र सरकार ने बीते दिनों नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) को लागू किया था. देश में नागरिकता संशोधन नियम यानी CAA लागू होने के बाद पहली बार 14 लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली में इन 14 आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे है. लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) के बीच इसे बड़ी घटना माना जा रहा है, क्योंकि संशोधित नागरिकता कानून लागू करने का विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने इसे BJP के खिलाफ चुनावी मुद्दा बना हुआ है.
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पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को मिलती है CAA में नागरिकता
भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका में प्रताड़ित हो रहे अल्पसंख्यक समुदाय यानी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन आदि को भारतीय नागरिकता CAA के तहत दी जा रही है. केंद्र सरकार ने इन देशों से 31 दिसंबर, 2014 से पहले आए अल्पसंख्यक समुदायों के शरणार्थियों को स्थानीय नागरिकता देने के लिए 11 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) संसद से पारित कराया था, जिसे 4 साल बाद लोकसभा चुनावों से ठीक पहले लागू किया गया था. अब इसी अधिनियम के जरिए पहली बार 14 लोगों को भारत की नागरिकता मिली है.
कैसे मिलेगी नागरिकता
CAA के तहत भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट indiancitizenshiponline.nic.in पर जाकर आवेदन करना पड़ेगा. इसके अलावा आप CAA-2019 नाम के एप पर भी जाकर आवेदन कर सकते है. इस प्रक्रिया में कुल 29 डॉक्यूमेंट जमा करने होते है, जिसमें 9 दस्तावेज ये बताते हो कि आप पाकिस्तान, अफगानिस्तान या फिर बांग्लादेश के नागरिक है. बाकी बचे दस्तावेज ये प्रमाणित करते हो कि आपने भारत के अंदर कब प्रवेश लिया था. अधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करने के बाद आपके फार्म की जांच जिले स्तर की टीम करेगी. इस जांच के बाद आपको सूचित किया जाएगा जब आपको ऑरिजनल दस्तावेंजों के साथ खुद उपस्थित होना पड़ेगा. इसके बाद यदी दस्तावेज ठीक है, तो संबंधित अधिकारी इसको सत्यापित करेगा. इसके बाद आवेदन सशक्त पैलन को भेजा जाएगा. फिर पूरे मामले की जांच होगी. इसके बाद अगर पैनल मंजूरी दे देता है तो आवेदक के नाम नागरिकता सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा.
विपक्षी दलों का कहना है सब चुनावी मुद्दा है.
भारत में ठीक लोकसभा चुनाव से पहले नागरकिता संसोधन कानून (CAA) लागू किया गया था. 11 मार्च 2024 को देश भर CAA लागू कर दिया गया था. बता दें कि भारतीय नागरिकता कानून 1955 से अब 6 बार संशोधित हो चुका है. पहली बार 1986.1992, 2003, 2005, 2015 और 2019 में आखिरी बार नागरिता कानून संशोधित किया गया है. लोकसभा चुनाव के बीच इस कानून का लागू होने से विपक्षी खेमे में हलचल मच गई है. बता दें कि देश चौथे चरण तक का लोकसभा चुनाव पूरा हो चुका है. अब मात्र तीन चरणों का चुनाव और बचा हुआ है. पांचवे शरण का चुनाव 20 में को होने वाला है. लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए विपक्षी इसे भाजपा की करामात जान रहे है. सभी विपक्षी दलों इसे भाजपा को कोई एजेंडा मान रहा है.
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'मुस्कुराइए अब आप भारत के नागरिक हैं...' CAA के तहत पहली बार 14 'विदेशी' बने भारतीय