डीएनए हिंदीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ घंटों में बजट पेश करने वाली हैं, ऐसे में लोग टैक्स से जुड़े कई हिस्सों में राहत की उम्मीद कर रहे हैं. इसके साथ गौर करने वाली बात यह भी है कि आज का बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला अंतिम बजट होगा. लोक सभा चुनाव से एक साल पहले पेश होने वाला यह बजट मोदी सरकार के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बातों पर गौर करें तो इस बार का बजट आम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेगा, यानी इस बार का बजट लोकलुभावन हो सकता है. इसके कारण हैं पहला ये कि यह लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा. इसलिए सरकार भी इस बार के आम बजट में सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश करेगी, जिसमें देश के मध्यम वर्ग (खासकर सैलरी वाले लोगों) पर खास ध्यान दिया जाएगा. इसको लेकर वित्त मंत्री ने भी हाल ही में कहा था कि वह जानती हैं कि मध्यम वर्ग किस दबाव में चल रहा है. तो चलिए जानते हैं कि सरकार इस बजट में क्या-क्या घोषणाएं कर सकती है.
सैलरी वालों को मिल सकती है ये खुशखबरी
नए टैक्स सिस्टम के तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय पर आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये की जा सकती है.
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत हर साल निवेश पर 1.5 लाख रुपये की छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है.
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 16 (AI) के तहत वेतनभोगी वर्ग के लिए 50,000 रुपये की मानक कटौती सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया जा सकता है.
सेक्शन 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा का दावा करने की मौजूदा सीमा 25,000 रुपये है. इस बजट में सरकार इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर सकती है.
आपको बता दें कि पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में आखिरी बदलाव 8 साल पहले किया गया था ऐसे में टैक्सपेयर्स को राहत की यह भविष्यवाणी सच भी हो सकती है. हालांकि पिछले साल भी वेतनभोगी वर्ग को उम्मीद थी कि इनकम टैक्स स्लैब में छूट की सीमा बढ़ेगी लेकिन तब ऐसा नहीं किया गया.
HRA के छूट में भी हो सकता है बदलाव
जी न्यूज के सूत्रों के मुताबिक गैर-मेट्रो शहरों में रहने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए हाउस रेंट अलाउंस यानी HRA में छूट का दायरा बढ़ सकता है. गैर-मेट्रो शहरों में रहने वाले लोगों के लिए HRA पर फिलहाल बेसिक और महंगाई भत्ते पर 40 फीसदी छूट दी जाती है, जिसे बढ़ाकर 50 फीसदी किया जा सकता है. इसके अलावा गैर-वेतनभोगी व्यक्तिगत करदाताओं के लिए हर साल HRA की छूट की सीमा 60,000 रुपये से बढ़ाई जा सकती है.
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