डीएनए हिंदी: 2006 के उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को दोषी करार दिया गया है.अतीक अहमद के अलावा दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को अदालत ने इस मामले में दोषी पाया है. कोर्ट ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अतीक अहमद के भाई अशरफ समेत कुल 7 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. अतीक अहमद पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही, तीनों दोषी उमेश पाल के परिवार को एक-एक लाख रुपये भी देंगे.
बीते दिनों प्रयागराज में उमेश पाल (Umesh Pal) पर अतीक अहमद के गैंग ने हमला कर दिया था जिसमें उमेश पाल की मौत हो गई. इस केस में कई आरोपी फरार चल रहे हैं. इसी केस के लिए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट लाया गया है. हाई प्रोफाइल केस होने की वजह से प्रयागराज में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है. उमेश पाल के परिवार का कहना है कि वह चाहते हैं कि अतीक अहमद को फांसी की सजा दी जाए.
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गुजरात की साबरमती जेल से लाए गए अतीक अहमद को सोमवार को प्रयागराज की नैनी जेल में रखा गया था. अब पुलिस उसे लेकर कोर्ट पहुंच चुकी है. उसके भाई अशरफ को भी कोर्ट में पेश किया जाएगा.
कोर्ट परिसर के बाहर भारी मात्रा में लोग मौजूद हैं. एक वकील ने इस मौके पर कहा, 'अगर आज मुझे अतीक अहमद को जूतों की माला पहनाने का मौका मिल जाए तो पाल समुदाय और पूरा वकील समाज खुश होगा. उसने हमारे समाज के एक शख्स को मार डाला. ये जूते चप्पल उमेश पाल और राजू पाल के परिवार के लोगों के हैं.'
#WATCH | UP: A man, Varun stands outside Prayagraj MP-MLA Court, carrying a garland of footwear. He says, "If I make Atiq Ahmed wear a garland of footwear, the Pal community and the entire lawyer community will be happy. He killed a member of the lawyer community, they will be… pic.twitter.com/qFQEEqq39B
— ANI (@ANI) March 28, 2023
क्या है 17 साल पुराना वह केस?
साल 2005 में 25 जनवरी को हुए राजू पाल हत्याकांड से नई कहानी शुरू हुई. राजू पाल उस समय मायावती की बसपा के विधायक थे. उनको दिनदहाड़े प्रयागराज की सड़कों पर गोली मार दी गई. उमेश पाल इस केस में गवाह थे. आरोप है कि उमेश पाल की गवाही रोकने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया. इसके एक साल बाद उमेश पाल ने प्रयागराज के धूमनगंज थाने में साल 2007 में केस दर्ज करवाया. 2007 में यूपी में मायावती की सरकार बन गई थी. मायावती की सरकार बनने के बाद इस एक साल पुराने केस में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इसमें कुल 11 लोगों को नामजद किया गया जिसमें अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का नाम भी शामिल था.
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उमेश पाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अपने साथियों के साथ आया और उमेश को उठाकर अपने दफ्तर ले गया. वहां उमेश को जमकर मारा-पीटा गया और गवाही न पलटने पर जान से मारने की धमकी दी. उमेश पाल ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जब जांच की तो और भी लोगों के नाम इसमें शामिल किए गए.
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अतीक अहमद समेत 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा, अशरफ और 6 अन्य को कोर्ट ने किया बरी