डीएनए हिंदी: उज्जैन रेप पीड़िता का इलाज इंदौर के अस्पताल में चल रहा है. हालांकि, बच्ची की स्थिति अब तक स्थिर नहीं हुई है और वह अपने साथ हुई दरिंदगी के सदमे से बाहर नहीं निकल सकी है. बताया जा रहा है कि पीड़िता डर के मारे बार-बार उठ जा रही है और आसपास किसी पुरुष स्टाफ को देखकर कांपने लगती है. हॉस्पिटल के पुरुष स्टाफ को देखकर बच्ची डर के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लग जाती है. इस घटना ने सिर्फ उज्जैन शहर को नहीं पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. हॉस्पिटल स्टाफ और डॉक्टर बच्ची को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लहु-लुहान हालत में पीड़िता को देखकर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी सदमे में थे. फिलहाल डॉक्टरों की कोशिश है कि उसे मानसिक तौर पर भी स्थिर किया जा सके.
डॉक्टरों का कहना है कि उज्जैन रेप केस की पीड़िता मेंटली रूप से अभी भी डिस्टर्ब है और उसके मन पर लगे घावों के जख्म भरने में लंबा वक्त लगेगा. बच्ची की शारीरिक हालत में सुधार हो रहा है और उसकी बाल मनोवैज्ञानिक से काउंसलिंग भी कराई जाएगी. बच्ची की हालत कितनी खराब थी इससे समझ सकते हैं कि इलाज करने वाले डॉक्टरों का भी कहना है कि जितनी बुरी हालत में उन्होंने पीड़िता को देखा था और दर्द से वह जैसे चिल्ला रही थी, ऐसा हाल उन्होंने पहले कभी नहीं देखा.
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दरिंदगी ने मासूम के मन पर डाला है गहरा असर
फिलहाल बच्ची की स्थिति मानसिक तौर पर बिल्कुल भी ठीक नहीं है. पहले अपने साथ हुई दरिंदगी और फिर ढाई घंटे तक कॉलोनी में भटकते रहने पर भी मदद नहीं मिलने की वजह से बच्ची बहुत ज्यादा डर गई है. बताया जा रहा है कि पुरुष स्टाफ को अपने आसपास आता देखकर वह रोने लगती है और जोर-जोर से चिल्लाने लगती है. डॉक्टरों ने एहतियात के तौर पर उसके पास किसी भी पुरुष स्टाफ को जाने से रोक दिया है. डॉक्टरों की टीम का कहना है कि उम्मीद है कि बच्ची की स्थिति में आगे सुधार होगा.
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बच्ची के पिता का कहना है कि वह पहले बिल्कुल ठीक थी
इस घटना की जांच करने वाली पुलिस टीम का कहना है कि बच्ची शायद पहले से ही मानसिक तौर पर ठीक नहीं थी और वह भीख मांगने का काम करती थी. हालांकि, बच्ची के पिता का कहना है कि वह बिल्कुल ठीक थी और स्कूल जाती थी. अभी ऐसा लग रहा है कि पीड़िता बस अपने पिता और मामा की ही बात जैसे-तैसे समझ पा रही है. उसके प्राइवेट पार्ट्स में टांके लगे हैं और कहा जा रहा है कि कम से कम 1 महीने और अस्पताल में बिताना पड़ सकता है.
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दरिंदगी से सदमे में मासूम, किसी भी पुरुष को देख डर से कांपने लगती है