डीएनए हिंदीः देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में ग्रेजुएशन चार साल की हो सकती है. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) द्वारा चार साल की ग्रेजुएशन प्रोग्राम (FYUGP) को लेकर फ्रेमवर्क फाइनल कर दिया है. इन रेगुलेशन को अगले हफ्ते से देश की सभी यूनिवर्सिटीज में भेज दिया जाएगा. इसमें 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज भी शामिल हैं. शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी विश्वविद्यालयों के नए छात्र 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों (बीए, बीकॉम, बीएससी) आदि में दाखिला ले सकेंगे.
तीन साल का भी होगा विकल्प
इस फैसले के अगले सत्र से लागू होने की संभावना है. हालांकि छात्रों के पास तीन साल में ग्रेजुएशन करने का विकल्प भी मौजूद रहेगा. जिन्होंने इस एकेडमिक ईयर में तीन साल के ग्रेजुएशन कोर्सेज में एडमिशन लिया हुआ है. अगले एकेडमिक सेशन में वे अपने कोर्स को अपग्रेड कर पाएंगे. जिन स्टूडेंट्स ने पहले ही यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लिया हुआ है या ऐसे स्टूडेंट्स जो अभी फर्स्ट या सेकेंड ईयर में हैं, उनके पास भी FYUGP चुनने का ऑप्शन होगा.
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यूनिवर्सिटी को नियम बनाने की रहेगी छूट
यूजीसी चार साल के पाठ्यक्रमों के मामले में विभिन्न यूनिवर्सिटी को अपने हिसाब से कुछ नियम बनाने की भी छूट देगी. यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद और एग्जीक्यूटिव काउंसिल में इसको लेकर आवश्यक नियम तय किए जा सकते हैं. यूजीसी ने विध्यविद्यालय को यह भी छूट दी है कि जो छात्र ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में पढ़ रहे हैं, वह भी चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों का हिस्सा बन सकते हैं.
55 फीसदी अंक होंगे अनिवार्य
जिन छात्रों ने चार साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम को पूरा किया होता उनके लिए पीजी और एमफिल में एडमिशन के लिए 55 फीसदी अंक लाना जरूरी होगा. इतना ही नहीं नए नियमों के मुताबिक अब अपने एमफिल कार्यक्रम को बहुत लंबे समय तक जारी नहीं रख सकेंगे.
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अब 3 नहीं 4 साल में होगी ग्रेजुएशन, UGC अगले साल से लागू कर सकता है नए नियम