डीएनए हिंदीः नई सरकार के गठन को लेकर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. उद्धव गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नई सरकार के बहुमत परीक्षण पर रोक लगाने की मांग की है. इसके अलावा जिन 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई की गई थी उन्हें सस्पेंड करने की मांग भी की गई है. इन विधायकों में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का नाम भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर सकता है. बता दें कि गुरुवार को ही एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. वह बागी विधायकों से मिलने गोवा पहुंचे हैं यहां उनकी आगे की रणनीति को लेकर विधायकों के साथ बैठक होनी है.
उद्धव गुट ने दी ये दलील
सुप्रीम कोर्ट में उद्धव गुट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई होनी चाहिए जिससे संविधान की दसवीं अनुसूची प्रभाव में बनी रहे और उसका उल्लंघन ना हो. बता दें कि डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने ही 16 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए नोटिस भेजा था. शिदे गुट ने डिप्टी सीएम पर भेदभाव का आरोप लगाया था.
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फ्लोर टेस्ट पर रोक की मांग की थी खारिज
इससे पहले राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश के खिलाफ उद्धव गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया.
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2 जुलाई से विधानसभा का विशेष सत्र
शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बनी नई सरकार ने दो और तीन जुलाई को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है. सत्र के पहले दिन दो जुलाई को विधानसभा के स्पीकर का चुनाव होगा क्योंकि नाना पटोले के इस्तीफे के बाद से यह पद खाली था. राज्यपाल ने 2 जुलाई को नई सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उद्धव गुट, बहुमत परीक्षण पर रोक और 16 बागी MLA को सस्पेंड करने की मांग