डीएनए हिंदीः उदयपुर (Udaipur) की घटना के मृतक कन्हैया लाल ( Kanhaiya lal) के दोनों बेटों को गहलोत सरकार ने सरकारी नौकरी दे दी है. इसके लिए उन्हें नियमों में बदलाव भी करना पड़ा. इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव लाया गया जिसे मंजूरी मिलने के बाद नौकरी का रास्ता साफ हो गया. हालांकि अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों बेटों को नौकरी किस विभाग में दी जाएगी. बता दें कि उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की उनकी दुकान में 28 जून को गला काटकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 30 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके परिवार से मिलने पहुंचे थे. तब राज्य सरकार की ओर से परिवार को 51 लाख रुपये का चेक दिया गया था. उन्होंने दोनों बेटों को नौकरी देने की बात भी कही गई थी.
कैबिनेट ने दी मंजूरी
मृतक आश्रित के सिर्फ एक सदस्य को ही नौकरी देने का नियम था. कन्हैया लाल के बेटों को नौकरी देने के लिए नियमों में बदलाव जरूरी था. गहलोत सरकार इस संबंध में बुधवार कैबिनेट में प्रस्ताव लेकर आई. सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने के एजेंडे को प्रमुख तौर पर रखा गया. इसके बाद कन्हैयालाल के बेटे यश और तरूण कुमार को सरकारी नौकरी देने का रास्ता साफ हो गया.
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क्या है मामला
उदयपुर में 28 जून को भीम कब्से के रहने वाले कन्हैया लाल की दुकान में दिनदहाड़े गला काटकर हत्या कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद से राजस्थान समेत पूरे भारत में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं. कन्हैया लाल ने बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था जिसे बाद उनकी हत्या की गई. बता दें कि कन्हैया लाल नूपुर शर्मा के समर्थन के पोस्ट करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 15 जून को जमानत पर छोड़ दिया गया था और उसने पुलिस को बताया की उसे अब धमकी भरे फ़ोन कॉल आ रहे हैं. घटना के दोनों आरोपी कन्हैया लाल की दुकान में कपड़े का नाप देने के बहाने गए, इसी समय दूसरा आरोपी चुपके से वीडियो बनाने लगा नाप लेने के बाद ही हत्यारों ने कन्हैया लाल पर हथियार से वार कर दिया और कन्हैया लाल की हत्या कर दी.
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कन्हैयालाल के दोनों बेटों को मिली सरकारी नौकरी, कैबिनेट को बदलना पड़ा नियम