अरविंद केजरीवाल के पीए और खास सहयोगी विभव कुमार (Bibhav Kumar) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. कोर्ट में चली लंबी दलील के बाद दिल्ली की एक अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मुकदमे की लंबी सुनवाई हुई, जिसके बाद बेंच ने शाम तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने पीड़िता और दिल्ली पुलिस के तर्कों को वाजिब माना है.
स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने कोर्ट में रोते हुए जमानत नहीं दिए जाने की अपील की थी. दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि विभव कुमार प्रभावशाली हस्ती हैं और वह सीधे गवाहों और सबूतों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने आरोपी से अपने और परिवार की सुरक्षा को खतरा बताया था. दिल्ली पुलिस ने भी जमानत का विरोध किया था.
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कोर्ट ने स्वीकार नहीं की विभव कुमार की दलीलें
इससे पहले विभव कुमार की ओर से कोर्ट में दलीलें रखते हुए वकील एन. हरिहरन ने कहा कि पीड़िता दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं. वह लंबे समय तक महिलाओं के लिए काम कर चुकी हैं और महिला अधिकारों के बारे में उन्हें अच्छी जानकारी है. इसके बावजूद उन्होंने कथित घटना के 3 दिन बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है. हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार नहीं किया.
कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए स्वाति मालीवाल काफी भावुक हो गई थीं और रोने भी लगीं. उन्होंने कौरवों की सभा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी स्थिति भी वैसी ही थी. मालीवाल ने यह भी कहा कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.
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स्वाति मालीवाल से बदसलूकी मामले में विभव कुमार को नहीं मिली जमानत