डीएनए हिंदीः जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई के लिए राजी हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में दबाव, लालच या धोखे से धर्म परिवर्तन करवाने वालों से सख्ती से निपटने की मांग की है. याचिका में हाल में हुए लावण्या मामले का भी जिक्र किया गया है. 

क्या है लावण्या मामला?
बता दें कि इसी साल 19 जनवरी को तमिलनाडु के तंजावुर की 17 साल की छात्रा लावण्या ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली थी. घटना से पहले उसने इसका वीडियो भी बनाया था. इसमें उसने कहा था कि उसका स्कूल 'सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी' उस पर ईसाई बनने के लिए दबाव बना रहा है. इसके लिए लगातार किए जा रहे उत्पीड़न से परेशान होकर वह अपनी जान दे रही है. इस मामले को लेकर जब काफी बवाल हुआ तो मद्रास हाईकोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. 

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याचिका में क्या कहा गया
इस मामले को जस्टिस एम.आर. शाह और कृष्ण मुरारी की बेंच के सामने रखा गया. इसमें कहा गया कि जबरन धर्मांतरण के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कोई कानून नहीं है. उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसे अपराध माना है लेकिन दिल्ली और अन्य राज्यों में इस पर ढीला रुख है. कई मामलों में तो विदेशी फंडिंग की जानकारी भी सामने आई है. सुनवाई ने दौरान जजों ने भी इस मामले को गंभीर माना है. कोर्ट ने गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.   

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Supreme Court will hear the demand of anti-illegal conversion legal notice issued to the central government
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सुप्रीम कोर्ट करेगा अवैध धर्मांतरण विरोधी कानूनी की मांग पर सुनवाई
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SC करेगा अवैध धर्मांतरण विरोधी कानूनी की मांग पर सुनवाई, केद्र सरकार को नोटिस जारी