सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस वक्त भी हजारों केस पेंडिंग है. न्यायपालिका पर काम के अतिरिक्त दबाव की बात कई बार कही जा चुकी है. अब एक बार फिर इस पर चर्चा शुरू हो गई. जजों की छुट्टी लेने की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए जस्टिस बी. आर. गवई ने कहा कि इस तरह की आलोचना करने वाले लोग असलियत से बिल्कुल अनजान हैं. उन्हें पता नहीं है कि जजों को वीकेंड पर भी छुट्टी नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि आईपैड जैी तकनीक की वजह से अब हर जगह फाइल लेकर जाना नहीं पड़ता है.
गर्मी की छुट्टियों की आलोचना पर दिया जवाब
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि 18 मई से 7 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां रहेंगी. अगर 3 दिनों में मुकदमे की सुनवाई पूरी कर ली जाए, तो हम छुट्टियों में फैसला लिख सकते हैं. इसी दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग जजों की छुट्टियों की आलोचना करते हैं, वो इस पेशे से बिल्कुल अनजान हैं. हमें तो वीकेंड में भी किसी समारोह में जाने के लिए तैयारी करनी होती है. छुट्टियों में भी फैसला लिखना होता है.
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जस्टिस गवई ने कहा कि छुट्टियां और वेकेशन तो दूर की बात है, हम वीकेंड भी ठीक से नहीं मना पाते हैं. हमारे पास शनिवार, रविवार की भी छुट्टियां नहीं होतीं. अगर हम किसी समारोह या कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं, तो भी हमें उसके लिए तैयारी करनी होती है. जस्टिस गवई पश्चिम बंगाल सरकार की सीबीआई जांच के खिलाफ दाखिल मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे.
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वरिष्ठ वकीलों ने भी मानी जस्टिस गवई की बात
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी जस्टिस गवई की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे मुश्किल काम है. वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने कहा कि जो लोग इस तरह की आलोचना करते हैं, उन्हें इस पेशे के बारे में कुछ भी पता नहीं है. इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि अब आईपैड की वजह से हम फ्लाइट में भी फाइलें पढ़ सकते हैं.
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छुट्टियों की आलोचना पर छलका जस्टिस बी. आर. गवई का दर्द, 'वीकेंड भी नहीं मिलता'