आज सावन का पहला सोमवार है, इसी के साथ आज से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है. कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से दिल्ली के बीच पड़ने वाले यात्रा मार्ग पर दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाए जाने वाला मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. बता दें कि सुप्इरीम कोर्सट ने इस मामले में यूपी सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है. मामले पर एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने इसपर सावल उठाए हैं और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
क्या है पूरा मामला
यूपी मे कावड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नाम लिखे जाने के आदेश के बाद से लगातार उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के रास्ते पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने का आदेश दे दिया है. अब इसे मामले पर विवाद शुरू हो गया है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है. इस मुद्दे पर अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, प्रोफेसर अपूर्वानंद और आकार पटेल के साथ-साथ एक एनजीओ ने भी अर्जी दाखिल की है.
आज होगी सुनवाई
दरअसल, यूपी सरकार के कांवड़ यात्रा खिलाफ इस आदेश को लेकर एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश को रद्द करने की मांग की है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को सुबह 6 बजे ऑन लाइन याचिका दाखिल की थी. कांवड यात्रा से जुड़ी इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार 22 जुलाई को जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई करेगी.
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नेमप्लेट मामले में Yogi सरकार को झटका, SC ने यूपी सरकार के आदेश पर लगाई रोक