दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा (Delhi AQI) में आम लोगों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. प्रदूषण की वजह से लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली की एयर क्वालिटी और प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई है. सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को भी कोर्ट ने फटकार लगाई है.
दिल्ली सरकार को लगाई फटकार
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई धर्म प्रदूषण को बढ़ावा देने की बात नहीं करता है. कोर्ट ने कहा, 'पटाखे जलाने की वजह से हवा दमघोंटू हो जाती है और इसमें सांस लेना मुश्किल है. यह जीवन के अधिकार यानी अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.' सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब पता था कि स्थिति इतनी खतरनाक है, प्रतिबंध लगाने में इतनी देरी क्यों की गई.
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर बैन लगाए जाने और इसके लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा मांगा है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश देते हुए कहा कि 25 नवंबर तक निजी तौर पर पुलिस कमिश्नर हलफनामा दाखिल करें. इस हलफनामे में पुलिस कमिश्नर प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों और उससे संबंधित सभी रिकॉर्ड के बारे में जानकारी दें. कोर्ट ने एनसीआर के सभी राज्यों को पटाखों पर बैन लगाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है.
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Supreme Court की पटाखों पर अहम टिप्पणी, 'कोई धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता'