लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी हलफनामे को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कि मतदाता को किसी उम्मीदवार की प्रत्येक संपत्ति के बारे में जानने का संपूर्ण अधिकार नहीं है. जब तक कि वे काफी कीमती या विलासितापूर्ण जीवनशैली को न दर्शाती हों. एक मतदाता को किसी उम्मीदवार की प्रत्येक संपत्ति के बारे में जानने का पूर्ण अधिकार नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि इस किस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस तरह की टिप्पणी की है.
सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के तेजू विधानसभा इलाके के निर्दलीय विधायक के. क्रि के चुनाव को बहाल रखते हुए यह टिप्पणी की है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने गौहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि हाईकोर्ट ने कारिखो क्री के चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया था. चुनाव याचिका में, असफल उम्मीदवार द्वारा यह तर्क दिया गया था कि कारिखो क्री ने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करते समय अपनी पत्नी और बेटे के स्वामित्व वाले तीन वाहनों का खुलासा नहीं करके अनुचित प्रभाव डाला है इसलिए उनका चुनाव रद्द किया जाए.
यह भी पढ़ें: BSP प्रत्याशी अशोक भलावी का हार्ट अटैक से निधन, MP की इस सीट पर नहीं होगा चुनाव
उम्मीदवारों संपत्ति जानना मतदाताओं का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दलील दी गई थी कि वोटर का यह संपूर्ण अधिकार है कि वह उम्मीदवार के बारे में जाने. जिस पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि कैंडिडेट के निजता का अधिकार कायम रहता है और ऐसे में कैंडिडेट का अपनी तमाम चल संपत्ति को उजागर न करना करप्ट प्रैक्टिस नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विधायक द्वारा नामांकन दाखिल करने से पहले ऐसे वाहनों को या तो गिफ्ट दे दिया गया या बेच दिया गया, इसलिए इन वाहनों को विधायक की पत्नी-बेटे के स्वामित्व वाला नहीं माना जा सकता. इसके साथ इस दलील को भी खारिज कर दिया कि मतदाताओं को अपने प्रत्याशियों के बारे में जानने का पूर्ण अधिकार है.
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में बाप-बेटे के बीच दंगल, एके एंटनी को बेटे ने खूब सुनाया
सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रत्याशी चल संपत्ति की हर एक चीज जैसे कपड़े, जूते, क्रॉकरी, स्टेशनरी, फर्नीचर की घोषणा करे, यह आवश्यक नहीं है. कोई चीज मूल्यवान है तो उसके बारे में बताने की जरूरत है. उदाहरण के लिए यदि प्रत्याशी या उसके परिजन के पास लाखों रुपये की कीमती घडि़यां हैं तो उनकी जानकारी देनी होगी क्योंकि वे उच्च मूल्य की संपत्ति हैं और भव्य जीवन शैली को दर्शाती हैं.
डीएनए हिंदी का मोबाइल एप्लिकेशन Google Play Store से डाउनलोड करें.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
'वोटर्स को उम्मीदवारों की संपत्ति जानने का अधिकार नहीं,' लोकसभा चुनाव से पहले बोला सुप्रीम कोर्ट