डीएनए हिंदीः नोएडा में सेक्टर 93-ए स्थित सुपरटेक (Supertech) एमराल्ड के ट्विन टावर को ढहाने की तारीख एक बार फिर आगे बढ़ सकती है. दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर आज सुनवाई होनी है. दरअसल इस मामले में एक टेक्निकल पेंच फंस गया है. इसके चलते 21 अगस्त को होने वाले ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण में देरी हो सकती है. दूसरी तरफ इन टॉवर को गिराने का जिम्मा एडिफिस कंपनी के पास है. उसने प्राधिकरण को अपनी अंतिम रिपोर्ट भेज दी है और प्राधिकरण को ध्वस्तीकरण में देरी के नतीजों से चेताया भी है. एडीफिस कंपनी के मुताबिक, 28 अगस्त तक इस बिल्डिंग को गिराना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि अब बिल्डिंग धीरे-धीरे कमजोर हो रही है और अगर इसे जल्द से जल्द नहीं गिराया गया तो खतरा बढ़ सकता है.
देरी की क्या है वजह?
सीबीआरआई की तरफ से अभी प्राधिकरण को आरए डिफेंस कंपनी को अंतिम क्लीयरेंस नहीं मिला है जिसके चलते एडिफिस कंपनी अभी विस्फोटक नहीं लगा रही है. क्लीयरेंस मिलने की डेट के बाद करीब 17 दिन लगेंगे एडिफिस कंपनी को पूरी तरीके से इन ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने में. अगर तय समय में सीबीआरआई की एनओसी नहीं मिलती है तो तीन टावर को ढहाने की तारीख आगे बढ़ सकती है.
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एजेंसी की तरफ से टॉवरों को गिराने की पूरी तैयारी हो चुकी है. विस्फोटक लगाने के लिए पुलिस ने एनओसी जारी कर दी है. आसपास की संपत्ति को नुकसान पहुंचने की सूरत में 100 करोड़ रुपए का बीमा कराया गया है. पलवल की मैसेज सोलर एक्सप्लोजिव एजेंसी से विस्फोटक नोएडा लाने की पूरी तैयारी हो चुकी है. सीबीआरआई को 15 अगस्त तक सौंपी जाने वाली स्ट्रक्चरल एनालिसिस रिपोर्ट को छोड़कर अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं.
टॉवरों में चैन लिंक्स, जियोटेक्सटाइल क्लॉथ के साथ कॉलम की रैपिंग का काम पूरा किया जा चुका है. गर्मी, हवा और बारिश के कारण नुकसान पहुंचने की संभावना है. टॉवर के बेसमेंट 2 में बने इंपैक्ट कुशन बारिश का पानी रुकने के कारण निकल सकते हैं. इन्हें विस्फोट के दौरान कंपन रोकने के लिए लगाया गया है. टॉवरों को गिराने के लिए निर्मित विस्फोटक की सेल्फ लाइफ सीमित होती है. मियाद खत्म होने पर विस्फोटक किसी काम के नहीं रहेंगे.
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को आदेश दिया था और बिल्डिंग गिराने के लिए 21 अगस्त की तारीख तय की थी. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि 28 अगस्त तक इसे पूरा कर लिया जाना है. मुंबई की एडिफाइस इंजीनियरिंग फर्म को बिल्डिंग गिराने का काम सौंपा गया है. सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट में एपेक्स और सियान टावर को गिराने का आदेश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त को दिया था. दोनों बिल्डिंग के बीच में निश्चित दूरी का ख्याल नहीं रखने की वजह से कोर्ट ने इस कार्रवाई का आदेश दिया है. कोर्ट ने मई 2022 में ही बिल्डिंग को गिराने का आदेश दिया था. हालांकि, कंपनी की ओर से तैयारियों के लिए वक्त की मांग की गई थी और इसे बढ़ाकर 22 अगस्त से 28 अगस्त की तारीख तय की गई है.
इनपुट - आईएएनएस
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नोएडाः सुपरटेक ट्विन टॉवर 21 अगस्त को ही गिराए जाएंगे या नहीं? दिल्ली HC आज करेगा तय