लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण की वोटिंग के लिए अब केवल 4 दिन बाकी हैं. सभी राजनैतिक दल चुनाव में जीत के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. ऐसे में बयानबाजी का दौर भी शुरु हो गया है. इस बीच आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के एक बयान सामने आया है. जिसमें वह लोगों से अपील कर कर रहे हैं कि फ्री मिलने वाली चीज़ों की ओर नहीं जाना चाहिए. इसके साथ उन्होंने भारतीय लोकतंत्र पर अपनी बात रखी. आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है...
नई दिल्ली में आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की ओर से रविवार यानी 14 अप्रैल को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पहुंचे थे. जहां उन्होंने हजारों को लोगों को संबोधित किया. विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम के दौरान श्री श्री रविशंकर ने कहा कि उन्होंने आज तक कभी किसी सरकार से कोई काम नहीं करवाया है इसलिए उन्हें सरकारी संत नहीं कहा जा सकता है.
फ्रीबीज पर क्या बोले श्री श्री रविशंकर?
श्री श्री रविशंकर ने कहा, 'कोई मुझे 'सरकारी संत' नहीं कह सकता. कोई हम पर उंगली नहीं उठा सकता. हमने कभी किसी सरकार से कुछ नहीं लिया लेकिन मैं खुलकर कहूंगा कि जब न्याय होगा और देश की भलाई होगी तो मैं किसी भी पक्ष का समर्थन नहीं करता हूं और न ही करना चाहिए. लोकतंत्र में 4 स्तंभ होते हैं.' उन्होंने आगे कहा कि छत कैसे होगी यदि सभी खंभे एक-दूसरे के करीब हों तो जीवित रहें? खंभों को दूरी पर रहना होगा. सभी चार स्तंभों को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए लेकिन एक-दूसरे का समर्थन नहीं करना चाहिए. मुफ्तखोरी के लिए मत जाओ. खुद का सम्मान करने वाला व्यक्ति कभी भी मुफ़्त चीज़ों की ओर नहीं जाता है.
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'मुझे सरकारी संत नहीं कहा जा सकता है,' बोले श्री श्री रविशंकर