डीएनए हिंदी: संसद का पांच दिनों का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है. यह सत्र नए संसद भवन में 22 सितंबर तक चलेगा, इसमें 5 बैठकें होंगी. जिसमें एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण, समान नागरिक संहिता संविधान संशोधन समेत करीब 8 बिल पेश की किए जाने की उम्मीद है. सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होगी. सत्र के पहले दिन यानी आज सबसे पहले राज्यसभा में 75 सालों के संसदीय यात्रा की उपलब्धियों, अनुभव, यादों और सीख पर बात होगी. इसके बाद लोकसभा में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023, प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 पर चर्चा होगी.

यह बिल अगस्त 2023 को राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं. डाकघर विधेयक 2023 को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है. यह विधेयक 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था. कार्य सूची अस्थाई है और इसमें अधिक विषय जोड़े जा सकते हैं.  संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 31 अगस्त को 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिन के विशेष सत्र की घोषणा करते हुए इसके लिए कोई विशिष्ट एजेंडा नहीं बताया था. उन्होंने कहा कि अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है.

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महिला आरक्षण विधेयक तीन दशकों से लंबित 
वहीं, करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किए जाने के लिए नए सिरे से जोर दिये जाने के बीच आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 प्रतिशत से भी कम है जबकि कई राज्यों की विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम है. इस मुद्दे से जुड़ा अंतिम ठोस घटनाक्रम 2010 में हुआ था, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच विधेयक को पारित कर दिया था. मार्शल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के कदम का विरोध करने वाले कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था. हालांकि, विधेयक लोकसभा से पारित नहीं हो सका और अटक गया.

इन बिलों पर होगी सबकी नजर
सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े एक विधेयक तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है. पहले सूचीबद्ध किए गए विधेयकों में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक भी शामिल था. किसी भी संभावित नए विधेयक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन भाजपा समेत अन्य दलों के बीच यह चर्चा है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाला विधेयक भी पेश किया जा सकता है. विभिन्न दलों की पांच दिवसीय सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने की मांग पर सरकार के रुख के बारे में सदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उपयुक्त समय पर इस संबंध में फैसला लिया जाएगा.

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बता दें कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार सुबह नए संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. जोशी ने कहा कि सेंट्रल हॉल में एक समारोह के बाद मौजूदा संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा. लोकसभा के एक बुलेटिन के अनुसार, समारोह में भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद किया जाएगा और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया जाएगा. नए संसद भवन में सरकार के विधायी कामकाज 20 सितंबर से शुरू होंगे. लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को मंगलवार सुबह सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के लिए बुलाया गया है. 

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अनुभव, यादें, सीख 75 साल की संसदीय उपलब्धियों पर चर्चा, ये 8 विधेयक होंगे पेश
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विशेष सत्र में 75 साल की संसदीय उपलब्धियों पर होगी चर्चा, 8 विधेयक होंगे पेश

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