मध्य प्रदेश के भोपाल में 18 जुलाई 2023 को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. इस मामले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कांग्रेस नेताओं के विमान के न्यूमैटिक वॉल्व में तकनीकी खराबी थी. जिसे 5 बार रिपेयर्ड किया गया, लेकिन उसे बदला नहीं गया था. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को यह जांच रिपोर्ट सौंपी गई है.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, 18 जुलाई, 2023 को शाम 5 बजकर 45 मिनट पर सोनिया-राहुल के विमान ने बेंगलुरु से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी. शाम 6.27 पर विमान 43 हजार फीट से ऊंचा उड़ रहा था, तभी पायलट को टर्बुलेंस का एहसास हुआ. विमान का एयर प्रेशर कम होने लगा, जिसके बाद विमान में बैठे सभी लोगों को ऑक्सीजन मास्क लगाना पड़ा. इसके बाद पायलट ने विमान की ऊंचाई कम करने की कोशिश की.
विमान को 10 हजार फीट ऊंचाई तक नीचे लाया गया, लेकिन टर्बुलेंस कम नहीं हुआ. इसके बाद पायलट ने नागपुर में विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराने का फैसला किया. लेकिन उस दौरान नागपुर में मौसम खराब था. जिसके बाद भोपाल में विमान को उतारा गया.
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वॉल्व को 5 बार बदला गया
रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के वॉल्व में खराबी थी. इस वॉल्व को नया बदलने की बजाय रिपेयर किया गया था. ऐसा एक बार नहीं, बल्कि 5 बार वॉल्व को रिपेयर्ड किया गया. रिपेयर वॉल्व को भी विमान में ठीक से फिट नहीं किया गया था. डीजीसीए को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के रखरखाव में लापरवाही बरती गई.
विमान में क्या काम करता है वॉल्व?
वॉल्व विमान के एयर प्रेशर को नियंत्रित करता है. अगर यह खराब होता है तो विमान के ऑक्सीजन लेवल पर असर पड़ता है. जिससे यात्रियों को ऑक्सीजन मास्क लगाने की नौबत आ जाती है.
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सोनिया-राहुल का गिर सकता था विमान, रिपेयर्ड वॉल्व से पायलट ने 5 बार उड़ाया, DGCA को सौंपी रिपोर्ट में खुलासा