डीएनए हिंदी: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को एक नया नोटिस भेजा है. सोनिया को नेशनल हेराल्ड (National Hderald) न्यूजपेपर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब पूछताछ के लिए 25 जुलाई को पेश नहीं होना होगा. इसके लिए उन्हें एक नई तारीख दी गई है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (K C Venugopal) ने इसकी पुष्टि की है.
21 जुलाई को हुई थी 2.20 घंटे पूछताछ
ED ने इससे पहले सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए 21 जुलाई को बुलाया था. दो बार स्वास्थ्य कारणों से उनके पेश नहीं होने पर ED की तरफ से तीसरा नोटिस भेजकर 21 जुलाई की तारीख तय की गई थी. गुरुवार को सोनिया के दिल्ली स्थित ED ऑफिस पहुंचने के बाद उनसे करीब 2.20 घंटे तक सवाल पूछे गए थे. सोनिया से 24 सवालों का जवाब मांगा गया था, जिनमें से ज्यादातर नेशनल हेराल्ड अखबार की पेरेंट कंपनी एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के टेकओवर की प्रक्रिया से जुड़े हुए थे.
अब 26 जुलाई को होगी सोनिया की पेशी
सोनिया गांधी को ED की तरफ से शुक्रवार को एक नया नोटिस भेजा गया है, जिसमें उन्हें 25 जुलाई के बजाय 26 जुलाई यानि मंगलवार को पेश होने के लिए कहा गया है. ANI के मुताबिक, इसकी पुष्टि करते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को सोमवार (25 जुलाई) को बुलाया था. अब वे (ED अधिकारी) ही कह रहे हैं कि वे उस दिन पूछताछ के लिए सहज स्थिति में नहीं हैं. इसलिए उन्हें (सोनिया गांधी को) किसी अन्य दिन बुलाएंगे.
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नेशनल हेराल्ड केस क्या है
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग के लिए 1937 में एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) कंपनी बनाई थी, जिसने नेशनल हेराल्ड समेत 3 अखबार प्रकाशित करना शुरू किया था. आजादी के बाद इस कंपनी की वित्तीय मदद कांग्रेस पार्टी ने करनी शुरू कर दी थी. यह मदद कर्ज के तौर पर दर्ज की जाती थी. धीरे-धीरे इस कंपनी पर कांग्रेस की तरफ से दिया गया तकरीबन 90 करोड़ रुपये कर्ज हो गया. साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक नई कंपनी बनाकर एजेएल के सारे शेयर महज 50 लाख रुपये में उसके नाम ट्रांसफर कर दिए गए, जबकि एजेएल की अचल संपत्ति की कीमत तकरीबन 800 करोड़ रुपये है.
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इस टेकओवर के लिए कहा गया कि यंग इंडियन कंपनी बदले में कांग्रेस का कर्ज चुकाएगी. यंग इंडियन कंपनी में 67% शेयर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी के हैं, जबकि बाकी शेयर दो वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं मोतीलाल वोरा (Motilal Vohra) व ऑस्कर फर्नांडिस (Oscar fernandis) के हैं. वोरा इस टेकओवर के समय एजेएल के चेयरमैन भी थे. इस टेकओवर को अवैध बताते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam swami) ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी व अन्य आरोपियों के खिलाफ एक केस दर्ज कराया था. इसी केस के बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. इसी जांच के सिलसिले में अब सभी से पूछताछ हो रही है.
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क्या है वे आरोप, जिनसे जुडे़ सवालों का जवाब मांग रही ईडी
- AJL के ऊपर कांग्रेस का 90 करोड़ का कर्ज 2010 में किस तरीके से चुकाया गया. सोनिया तब भी कांग्रेस अध्यक्ष थीं.
- 2010 में बनी यंग इंडियन कंपनी ने कुछ ही महीनों में एजेएल जैसी बड़ी कंपनी का टेकओवर कैसे कर लिया.
- एजेएल को देने के लिए यंग इंडियन को कोलकाता की कंपनी डॉटेक्स मर्चेंडाइज ने लोन किस आधार पर दिया.
- आयकर विभाग ने एजेएल के असेसमेंट ऑर्डर में कहा है कि कांग्रेस के 90.21 करोड़ रुपये के लोन की एंट्री फिक्स्ड थी.
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National Herald Case: ED 25 जुलाई नहीं इस दिन करेगी सोनिया गांधी से पूछताछ, जानिए किन आरोपों का मांगा है जवाब