दिल्ली में 1984 के दौरान हुए सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली की अदालत ने बड़ा फैसला दिया है. चार दशक से भी ज्यादा समय बीतने के बाद कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को दो सिखों की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सज्जन कुमार सरस्वती विहार में दो सिखों की हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाते हैं. कांग्रेस नेता की सजा पर अब 18 फरवरी को बहस की जाएगी. लगभग 41 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद परिवार को इंसाफ मिला है.
सरस्वती विहार में एक ही परिवार के दो लोगों की हत्या
कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगे में दोषी करार दिया गया है. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में सिख समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा था. 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या की गई थी. कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने उस दौरान हिंसक भीड़ का नेतृत्व किया था और उन्होंने ही भीड़ को दोनों सिखों की हत्या के लिए उकसाया था.
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पहले से ही आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं
कोर्ट ने आरोपी सज्जन कुमार के खिलाफ IPC की धारा 147/148/149/302/308/323/395/397/427/436/440 के तहत आरोपों को स्वीकार किया है. कांग्रेस नेता को बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया है, लेकिन उनकी सजा पर बहस के लिए 16 फरवरी की तारीख तय की गई है. बता दें कि 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को सिख दंगों का दोषी करार दिया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली थी. सजा मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.
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सज्जन कुमार 2 सिखों की हत्या के दोषी करार
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