डीएनए हिंदी: श्रद्धा वालकर मर्डर केस के आरोपी आफताब पूनावाला का पॉलिग्राफी टेस्ट होने जा रहा है. एक्सपर्ट्स उम्मीद जता रहे हैं कि आरोपी अपने सारे राज टेस्ट के दौरान उगल देगा.23 नवंबर 2020 को श्रद्धा ने मुंबई पुलिस से गुहार लगाई थी कि उसकी जान खतरे में है, पुलिस उसे बचा ले.पार्टनर आफताब पूनावाला उसका गला घोंटना चाहता है और उसके टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देना चाहता है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या अगर पुलिस चाहती तो श्रद्धा वालकर की जान बच सकती थी? ये सवाल आम लोगों के साथ-साथ राजनेता भी उठा रहे हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस ने कहा है कि श्रद्धा की जिंदगी बचाई जा सकती थी.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि इस बात की जांच शुरू की जाएगी कि 2020 में श्रद्धा वालकर की शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अगर सही समय पर कार्रवाई होती तो उसे बचाया जा सकता था . श्रद्धा वालकर ने साल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर के तुलिंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. श्रद्धा ने कहा था कि आफताब पूनावाला ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी.
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अब यह सवाल उठ रहे हैं कि अगर पुलिस जानती थी कि आफताब पूनावाला उसे लगातार मार रहा है, प्राथमिक साक्ष्य भी हैं तो उसकी गिरफ्तारी सही वक्त पर क्यों नहीं हुई. इसका जवाब महाराष्ट्र पुलिस ने 23 नवंबर को दे दिया था.
हत्याकांड की जांच पर गृहमंत्री अमित शाह की नजर
श्रद्धा वालकर की हत्या पर खुद गृहमंत्री अमित शाह की भी नजर है. अमित शाह ने कहा है कि अभियोजन पक्ष यह तय करेगा कि कम से कम समय में श्रद्धा के हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा मिले. आफताब पूनावाला को दिल्ली स्थित फॉरेंसिक लेबोरेट्री ले जाया गया है. यहीं उसका पॉलिग्राफ टेस्ट होगा. कुछ सवाल दिए जाएंगे, जिनका जवाब उसे देना होगा. आफताब पूनावाला को मेहरौली पुलिस स्टेशन हटाकर जांच के लिए ले जाया गया है.
श्रद्धा ने 2020 में की थी आफ़ताब की शिकायत, टुकड़े-टुकड़े किए जाने का जताया था डर
2020 में मिली शिकायत की पुलिस ने क्यों नहीं की जांच?
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य सरकार इस बात की जांच करेगी कि मीरा-भाईंदर व वसई-विरार पुलिस ने नवंबर 2020 में श्रद्धा वालकर ने जब अपने लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी फिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
संगीन धमकी लेकिन एक्शन नदारद, पुलिस पर उठ रहे सवाल
दरअसल जांच इस बात की भी होगी कि जब श्रद्धा वालकर ने पुलिस से कहा था कि आफताब पूनावाला ने उसे धमकी दी थी कि वह गला दबाकर पहले मारेगा, फिर उसकी लाश को टुकड़ों में काटकर जगह-जगह फेंक देगा. अगर पुलिस को इस धमकी के बारे में जानकारी थी, आफताब श्रद्दा से मारपीट करता रहा है फिर भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया. सवाल पुलिस पर भी उठ रहे हैं कि क्या सिर्फ शिकायत वापस लेने से ही अपराध खत्म हो जाता है. पुलिस ने आफताब को थाने में बिठाकर सवाल जवाब क्यों नहीं कर सकी.
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देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'मैंने पत्र को पढ़ा है और इसकी सामग्री बहुत गंभीर है. हमें इसकी जांच करने की जरूरत है कि पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.' देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेलना चाहते हैं लेकिन सच सामने आना चाहिए. देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'अगर पुलिस ने श्रद्धा के पत्र पर कार्रवाई की होती तो शायद वह आज जिंदा होती.'
क्या सच में पुलिस बचा सकती थी श्रद्धा की जान?
मीरा-भाईंदर व वसई-विरार पुलिस ने 2020 में श्रद्धा वालकर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर अपनी सफाई में कहा था कि उनकी टीम जांच के लिए गई थी. जांच के बाद खुद श्रद्धा वालकर ने पुलिस से केस बंद करने के लिए कहा था. पीड़िता ने कहा था कि अब दोनों के बीच सुलह हो गई है, इस लिए केस को खत्म कर दिया जाए.
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अब मुंबई पुलिस के पास भी कई तर्क हैं. यह हत्या 23 नवंबर 2020 को नहीं, 18 मई 2022 को ही हुई है. हत्या का स्टाइल वही है, जिसकी आशंका श्रद्धा ने 2 साल पहले शिकायत में जताई थी. पुलिस के पास मजबूत तर्क है कि जब शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी तो वजह जांच को कैसे आगे बढ़ाती. पुलिस कोई अदालत नहीं है कि जो स्वत: संज्ञान पर ऐसे मामलों की जांच कर सके.
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अगर एक्टिव होती पुलिस तो बच जाती श्रद्धा वालकर की जान, देवेंद्र फडणवीस का दावा कितना सच?