डीएनए हिंदी: शिवसेना की स्थापना के बाद से ही दशहरा पर होने वाली रैली पार्टी का सबसे अहम कार्यक्रम होती है. पार्टी के दोफाड़ होने के बाद दोनों ही गुट अब इस मौके पर अपने-अपने कार्यक्रम करते हैं. इस बार भी दशहरा के मौके पर मुंबई में आयोजित शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) की रैलियों में हजारों लोग जुटे. इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने चुनौती दे डाली कि अगर आज चुनाव करा लिए जाएं तो पता चल जाएगा कि असली शिवसेना कौन है. वहीं, एकनाथ शिंदे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर उद्धव ठाकरे को घेरते हुए कहा कि ये तो सत्ता के लिए हमास से भी हाथ मिला लेंगे.

उद्धव ठाकरे ने गठबंधन सरकार की हिमायत करते कहा कि देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है, लेकिन प्रचंड बहुमत के साथ एक पार्टी की नहीं. सेंट्रल मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली में ठाकरे ने कहा कि जब कुर्सी अस्थिर होती है, तो देश मजबूत हो जाता है. विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में शामिल ठाकरे ने मिली-जुली सरकार की वकालत की, जो सबको साथ लेकर चले और मनमोहन सिंह, पी वी नरसिंह राव तथा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकारों का जिक्र किया. 

एकनाथ शिंदे पर बरसे उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने दावा किया कि बीजेपी या (इसके पूर्ववर्ती) जनसंघ ने देश की आजादी, मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम या संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन सहित किसी भी संघर्ष में कोई भूमिका नहीं निभाई. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की आलोचना करते हुए कहा कि शिवसेना को चुराने का प्रयास किया जा रहा है. अपने प्रतिद्वंद्वियों को चेतावनी देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'सत्ता में आने के बाद, हम उन लोगों को उल्टा लटका देंगे, जो हमें परेशान कर रहे हैं.' उन्होंने एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए कहा कि हिम्मात है तो चुनाव करवाकर देख लें पता चल जाएगा कि असली शिवसेना कौन है.

यह भी पढ़ें- 'जाति-धर्म के भेद से पाएं मुक्ति', जानें पीएम मोदी ने रावण दहन पर दिलाए जनता को क्या 10 संकल्प 

दूसरी तरफ, उद्धव ठाकरे पर करारा प्रहार करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि कुछ लोगों ने सत्ता के लिए बाल ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को दफन कर दिया तथा कांग्रेस और समाजवादी दलों से हाथ मिला लिया. एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर वे (शिवसेना-यूबीटी) असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ गठबंधन कर लें और वे अपने स्वार्थी उद्देश्यों और कुर्सी (सत्ता) के लिए हमास, हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को गले लगा लें.

'2004 से ही CM बनना चाहते थे उद्धव'
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि बाला साहेब ने शिवतीर्थ (शिवाजी पार्क मैदान) से 'गर्व से कहो हम हिंदू हैं' का नारा दिया था, लेकिन उस स्थान से 'गर्व से कहो हम कांग्रेसी और समाजवादी हैं' जैसे नारे दिए जा रहे हैं. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने दादर के शिवाजी पार्क मैदान पर पारंपरिक वार्षिक दशहरा रैली का आयोजन किया. एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो पार्टियां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की समयसीमा पर सवाल उठाकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधती थीं, वे अब शर्मिंदगी महसूस कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- कौन हैं निशा बांगरे, जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए छोड़ दिया अफसरी का रौब

शिवसेना के मुखिया एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे 2004 से ही मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पाले हुए थे लेकिन बात नहीं बनी. शिंदे ने दावा किया, 'उनकी (उद्धव की) इच्छा 2004 से ही मुख्यमंत्री बनने की थी लेकिन जुगाड़ काम नहीं आया. उन्होंने दिखावा किया कि उनकी इस पद में कभी दिलचस्पी नहीं रही है. सार्वजनिक रूप से कहा गया कि उन्होंने शरद पवार की सलाह पर (2019 विधानसभा चुनाव के बाद) जिम्मेदारी स्वीकार की लेकिन तथ्य यह है कि इस पद के लिए उनके (उद्धव के) नाम की सिफारिश करने के लिए दो व्यक्तियों को पवार के पास भेजा गया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
shivsena eknath shinde vs uddhav thackeray shivsena ubt on dussehra speech
Short Title
दशहरा पर शिंदे, ठाकरे फिर बरसे, हमास के बहाने बताया लालची
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray
Caption

Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray

Date updated
Date published
Home Title

दशहरा पर शिंदे, ठाकरे फिर बरसे, हमास के बहाने बताया लालची

Word Count
687