बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के AIIMS अस्पताल में 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. उनकी सेप्टिसीमिया (Septicemia) के चलते निधन हुआ है. शारदा सिन्हा के गीत सुनते ही लोगों के मन में छठ से पहले ही छठ का एहसास होने लगता है. लोक गायिका के बेटे अंशुमन अपनी मां की मौत पर भावुक नजर आए. उन्होंने कहा कि आखिरी समय में भी मां को छठ मईया याद थी.
अंशुमान ने कहा कि हर साल छठ के मौके पर मां (शारदा सिन्हा) अपने दर्शकों के लिए नया गीत लेकर आती थी. लेकिन इस बार वह एम्स अस्पताल में भर्ती थीं. फिर भी मां छठ मैया को नहीं भूल पाईं. उन्होंने ICU में मुझसे कहा, 'एक गाना है उसका ऑडियो रिलीज कर दो. मैं रहूं या न रहूं लेकिन ये गीत मेरा आखिरी उपहार रह जाएगा'
अंशुमान ने बताया कि मां की आखिरी इच्छा पर 'दुखवा मिटाईं छठी मईया...' गीत का पहले ऑडियो रिलीज कर दिया और उसके बाद में वीडियो बनाकर जारी किया गया. मां का यह गीत शारदा सिन्हा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है.
Sharda Sinha Last Chhath Song: शारदा सिन्हा का आखिरी गीत
अस्पताल के बिस्तर से शारदा सिन्हा ने छठ मईया को लेकर जो एल्बम जारी किया वह अद्भुत है. लोक आस्था के पर्व छठ की शुरुआत शारदा सिन्हा के गाये मधुर गीतों से होती है. बिहार कोकिला शारदा सिन्हा की मधुर आवाज में शट गुनिया हो दिना नाथ हे घुमई छ सरे सात, केलवा के पतवा पर उगेलन सूरजमल... गीत जैसे ही सुनाई देने लगते लोग समझ जाते की छठ की शुरुआत हो गई.
स्वर की कोकिला शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था. उन्हें पद्मश्री और पद्म विभूषण सम्मानित किया जा चुका था. शारदा सिन्हा का प्रारंभिक जीवन मिथिला की सांस्कृतिक परिवेश से निहित था. बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में ससुराल होने के कारण वे छोटी उम्र से ही लोकगीत की समृद्ध संगीत परंपराओं से परिचित हो गई थीं.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से
- Log in to post comments
Sharda Sinha Death: मौत की शैय्या पर याद थी छठ मैया, ICU से रिलीज कराया था गीत, VIDEO