डीएनए हिंदी: हिंदी-संस्कृत, ईश्वर-अल्लाह और हिंदू-मुस्लिम के विवाद में अब शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज भी कूद पड़े हैं. निश्चलानंद ने दावा किया है कि हम सभी के पूर्व वैदिक आर्य ही थे. इतना ही नहीं, उन्होंने तो यह भी कह दिया है कि 'अल्लाह' संस्कृत भाषा का शब्द है और इसका इस्तेमाल मां दुर्गा के आह्वान के लिए किया जाता है. ये बातें उन्होंने बुधवार को वाराणसी में स्थित दक्षिणामूर्ति मठ में लोगों के सवालों का जवाब देते समय कहीं.
अपने बयान में शंकराचार्य ने कहा, 'सिर्फ सनातन ही एकमात्र धर्म है, बाकी सब पंथ हैं. सनातन धर्म का पालन करने से ही जीवन में सुख और मृत्यु के बाद सद्गति संभव है.' उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग धर्म पर सवाल उठाते हैं, सबसे पहले तो वे संस्कृत व्याकरण का अध्ययन करें. हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना सैयद अरशनद मदनी ने अल्लाह और ओम को एक ही बताया था. इसकी भी शंकराचार्य ने आलोचना की.
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'अल्लाह है मातृवाचक शब्द'
हालांकि, उन्होंने आगे कहा, 'श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाले लोग चाणक्य नीति का अध्ययन करें. उनमें अन्य धर्मों के पवित्र ग्रंथों पर कटाक्ष करने का साहस नहीं है.अल्लाह शब्द मातृ वाचक और शक्तिवाचक है. ओम तो परमात्मा का नाम है. हम सबके पूर्वज तो सनातनी वैदिक आर्य ही थे.'
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बागेश्वर धाम के बारे में सवाल पूछे जाने पर निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री हिंदुओं को भटकने से बचा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, 'पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपनी ओर से कभी नहीं कहते कि उन्होंने कोई चमत्कार कर दिया. वह तो हमेशा कहते हैं कि हनुमान जी की कृपा है.' उन्होंने यह भी कहा कि बिना धर्म के राजनीति हो ही नहीं सकती है.
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शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बोले, 'संस्कृत का शब्द है अल्लाह', वैदिक आर्य ही थे सबके पूर्वज