डीएनए हिंदी: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jashankar) ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मीटिंग में पाकिस्तान और चीन को जमकर खरी-खरी सुनाई. जयशंकर ने कहा कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के बारे में SCO की बैठक में एक नहीं दो बार ये स्पष्ट कर दिया गया कि कनेक्टिविटी विकास के लिए जरूरी है, लेकिन कनेक्टिविटी किसी की संप्रभुता और क्षेत्रिय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती है.
दरअसल, चीन और पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर बना रहा है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरेगा. सड़क के बाद चीन रेलवे लाइन के जरिए कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान से खुद को जोड़ना चाहता है. भारत इसको लेकर एतराज जताता आया है. जयशंकर ने कहा कि गोवा में एससीओ की बैठक में हमने चीन और पाकिस्तान को इस मामले में स्पष्ट कर दिया है.
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चीनी विदेश मंत्री किन गांग के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक पर एस जयशंकर ने कहा, 'सीमा के साथ एक असामान्य स्थिति है. हमने इसके बारे में बहुत स्पष्ट चर्चा की. मैंने सार्वजनिक रूप से भी यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग होने पर सामान्य नहीं हो सकते हैं.'
#WATCH | On his bilateral meeting with Chinese Foreign Minister Qin Gang, EAM Dr S Jaishankar says, "...issue is that there is an abnormal position in the border areas, along the boundary. We had a very frank discussion about it...We have to take the disengagement process… pic.twitter.com/AX5NKvgNOa
— ANI (@ANI) May 5, 2023
आतंकवाद का प्रमोटर है बिलावल
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर तीखा हमला करते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने उन्हें आतंकवाद उद्योग का प्रवर्तक, उसे उचित ठहराने वाला और एक प्रवक्ता करार दिया. बिलावल के आतंकवाद से निपटने के बयान पर जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता इस मामले में उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेज गति से गिर रही है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एससीओ बैठक में आतंकवाद से सामूहिक रूप से निपटने का आह्वान किया था. यह पूछे जाने पर कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो सकती है.
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जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के शिकार लोग आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते हैं. उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा था, है और रहेगा. विदेश मंत्री ने कहा कि बिलावल एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में भारत आए और यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा हैं. इसमें इससे ज्यादा कुछ मत देखिए.
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर जयशंकर ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया था कि संपर्क प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन यह राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि बिलावल से एससीओ सदस्य राष्ट्र के एक विदेश मंत्री के अनुरूप व्यवहार किया गया.
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