आरएसएस (RSS) की दशहरा रैली में संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने देश-विदेश में फैले कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है. इस मौके पर एक बार फिर उन्होंने हिंदुओं से एकजुट रहने की अपील की है. लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से संघ प्रमुख के सार्वजनिक संबोधनों में बार-बार हिंदुओं से संगठित होने की अपील दिख रही है. हर साल दशहरा रैली में संघ प्रमुख के भाषण को बेहद अहम माना जाता है. इस साल के संबोधन में भागवत ने कहा कि हिंदुओं को यह समझना होगा कि असंगठित और दुर्बल रहना अपराध है.
हिंदुओं से की संगठित होने की अपील
संघ मुख्यालय नागपुर से दिए संबोधन में आरएसएस (RSS) चीफ मोहन भागवत ने कहा, 'हिंदुओं को यह बात समझनी चाहिए कि उन्हें सशक्त और संगठित रहना होगा. अंसगठित रहना औऱ दुर्बल रहना अपराध है, क्योंकि यह दुष्टों को अत्याचार करने के लिए निमंत्रण देता है.' बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, क्योंकि वहां वे कमजोर हैं. इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि समाज में अलगाव और टकराव नहीं होना चाहिए. देश की तरक्की के लिए सामाजिक सद्भाव जरूरी है.
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वोकिजम और मार्क्सिज्म पर भी उठाए सवाल
संघ प्रमुख नो वोकिज्म समेत तमाम मुद्दों पर भी चोट की और कहा, ''डीप स्टेट', 'वोकिजम', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट', आजकल चर्चा में हैं। वास्तव में ये सभी सांस्कृतिक परम्पराओं के घोषित शत्रु हैं. सांस्कृतिक मूल्यों, परम्पराओं तथा जहां जहां जो भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है.' उन्होंने बांग्लादेश में हुए तख्तापलट पर कहा कि यह हिंसक तख्तापलट हुआ है और हमने देखा है कि वहां कैसे अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया गया है.
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दशहरा रैली में RSS प्रमुख की हुंकार, 'हिंदुओं को समझना होगा दुर्बल रहना अपराध...'