कांग्रेस के प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने अब पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. रोहन गुप्ता को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. रोहन ने पहले तो अपने पिता की बीमारी का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. अब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के नेता पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया है. रोहन गुप्ता ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेज दिया है. कांग्रेस ने रोहन गुप्ता को गुजरात की अहमदाबाद पूर्वी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखी चिट्ठी में रोहन गुप्ता ने बताया, ''मैं पिछले तीन दिनों से अपने पिता की खराब स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहा हूं. जिससे मुझे वास्तव में उनके दृष्टिकोण को समझने में मदद मिली. उन्होंने पिछले 40 वर्षों में पार्टी में विश्वासघात और तोड़फोड़ की घटनाओं का वर्णन किया. उन घटनाओं के घाव अभी भी ठीक नहीं हुए हैं. उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. वह नहीं चाहते कि मैं भी कांग्रेस में रहकर उनकी तरह पार्टी के नेताओं के विश्वासघात की कीमत चुकाऊं, क्योंकि पिछले दो वर्षों से मैं जिस मानसिक आघात से गुजरा हूं, उसे मेरे पूरे परिवार ने देखा है, जो कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़े वरिष्ठ नेता के कारण हुआ था. मेरे पिता, मेरे साथ वही सब घटित होने की कल्पना कर रहे थे जो मैं नहीं कर सकता था.''
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Gujarat Congress leader Rohan Gupta quits the party alleging "constant humiliation" and "character assassination" by a party leader connected with Communication department pic.twitter.com/ecW1iMHQYD
— ANI (@ANI) March 22, 2024
रोहन गुप्ता ने आगे कहा, ''उन्होंने इसे सहन किया और अंततः अपना स्वास्थ्य खराब कर लिया और बायपास सर्जरी करा ली, ऐसे में वह कभी नहीं चाहते थे कि मेरे साथ भी ऐसा हो. हम दोनों योद्धा हैं और पिछले 40 वर्षों से अपनी-अपनी भूमिकाओं में पार्टी के लिए विभिन्न लड़ाइयां सफलतापूर्वक लड़ रहे हैं. मैं किसी चीज़ से नहीं डरता हूं लेकिन जब मुझे धोखा देने की सुनियोजित साजिश का पता चला तो मुझे आवाज उठाने की कोशिश की. मेरी विनम्रता को मेरी कमजोरी न समझा जाए."
क्यों लौटाया टिकट?
लोकसभा चुनाव लड़ने का टिकट लौटाने के बारे में रोहन गुप्ता ने कहा, "मैंने अपनी लोकसभा उम्मीदवारी वापस लेने का अपने जीवन का सबसे कठिन निर्णय लिया था. अब मैं कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़े नेता द्वारा लगातार अपमान और चरित्र हनन के कारण पिछले 15 वर्षों तक पार्टी की सेवा करने के बाद पार्टी छोड़ने का एक और सबसे कठिन निर्णय ले रहा हूं. जिस व्यक्ति ने पिछले दो वर्षों से मुझे अपमानित किया है, जो व्यक्ति पिछले तीन दिनों से ऐसा करने से नहीं चूक रहा है, मुझे यकीन है कि वह भविष्य में भी ऐसा करने से बाज नहीं आएंगे और कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा लेकिन अब मैं अपने आत्मसम्मान पर कोई ठेस सहने के लिए तैयार नहीं हूं.''
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रोहन गुप्ता ने कहा, "अब मेरा मनोबल मुझे पार्टी में बने रहने की इजाजत नहीं देता. कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़े उस नेता ने अपने अहंकारी और असभ्य व्यवहार से पार्टी को भी नुकसान पहुंचाया है. अपनी चरम वामपंथी मानसिकता के कारण उन्होंने सनातन धर्म के अपमान पर पार्टी की चुप्पी सुनिश्चित की, जिससे मुझे व्यक्तिगत रूप से ठेस पहुंची. इससे पार्टी की छवि और पार्टी के नेताओं के मनोबल को काफी नुकसान हुआ है. नेतृत्व को इस तरह के नेताओं की ऐसी गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो ईमानदार कार्यकर्ताओं और नेताओं का अपमान करते हैं और उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर करते है. कुछ लोगों को यहां साजिश नजर आ सकती है लेकिन मेरे करीबी लोग मेरा दृष्टिकोण समझेंगे."
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पहले टिकट लौटाया, फिर कांग्रेस से दे दिया इस्तीफा, कौन हैं रोहन गुप्ता?