डीएनए हिन्दी: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को जम्म-कश्मीर में बड़ा पॉलिटिकल दांव चला है. उन्होंने जम्म-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहाड़ी समुदाय के लोगों को एसटी कैटिगरी में शामिल करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार जस्टिस शर्मा कमिशन की सिफारिशों पर काम कर रही है. यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है. जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी पहाड़ी समुदाय के लोगों को एसटी कैटिगरी के तहत आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा. उन्होंने कहा गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदाय के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. अपने संबोधन में गृहमंत्री ने कहा कि यह आर्टिकल 370 खत्म होने के कारण ही संभव होता नजर आ रहा है. माना जा रहा है गृहमंत्री के इस दांव से घाटी में बीजेपी मजबूत होगी. 

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले सिर्फ 3 परिवार के लोग शासन करते थे. लेकिन, अब सत्ता पंचायतों, जिला परिषदों के 30,000 निर्वाचित लोगों के पास है.

राजौरी में एक विशाल रैली को संबोधित को अमित शाह ने कहा कि पहाड़ियों, गुर्जरों और बकरवालों को लंबे समय से भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें आरक्षण नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं पहाड़ियों, गुर्जरों और बकरवालों का आभार व्यक्त करता हूं जो आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हुए हैं. उन्होंने इस आशंका को भी दूर किया कि पहाड़ियों के लिए आरक्षण से अन्य पिछड़े समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

गृहमंत्री ने आर्टिकल 370 समाप्त करने का विरोध करने वालों पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राज्य में आर्टिकल 370 और 35ए को हटा दिया है. अगर हमने इन आर्टिकल्स को खत्म न किया होता तो क्या एसटी समुदाय को राजनीतिक आरक्षण मिल पाता? अब जाकर राज्य में पहाड़ी और अन्य समुदाय को उनका हक मिल रहा है.

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उन्होंने दावा किया कि आर्टिकल 370 और 35ए खत्म होने से लोकतंत्र जमीनी स्तर पर आ गया है. इससे कई फायदे हुए हैं. सबसे बड़ा फायदा आतंकवाद को रोकने में मदद मिली है. घाटी अब आतंकवादी घटनाएं कम हो गई हैं. 

अमित शाह ने कहा कि केंद्र की सख्त नीति का परिणाम है कि इस साल सुरक्षाकर्मियों की मौत काफी कम हो गई है. इस साल सिर्फ 136 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई है जो पहले 1,200 सालाना थी. 

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गौरतलब है कि अमित शाह की रैली को लेकर कश्मीर में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दिया गया था. प्रशासन को डर था कि इस मौके पर राष्ट्र विरोधी तत्व इंटरनेट सेवाओं का दुरुपयोग कर सकते हैं. इससे आराजकता फैल सकती थी.

ध्यान रहे कि इस मौके पर अमित शाह ने रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर का दौरा किया और मंदिर में पूजा-अर्चना की.

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जम्मू-कश्मीर में अमित शाह का बड़ा 'पॉलिटिकल दांव', पहाड़ियों को आरक्षण देने की घ
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जम्मू-कश्मीर में अमित शाह का बड़ा 'पॉलिटिकल दांव', पहाड़ियों को आरक्षण देने की घोषणा