डीएनए हिंदी: नफरती भाषण देने के मामले में आजम खान को रामपुर सेशन कोर्ट से भी राहत नहीं मिल सकी. सोशन कोर्ट ने गुरुवार शाम को आजम खा की अर्जी को खारिज कर एमपी एमएलए कोर्ट MP-MLA Court के फैसले को बरकरार रखने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद रामपुर में उपचुनाव उपचुनाव की अधिसूचना जल्दी जारी हो सकती है.
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दरअसल, सपा नेता आजम खान Azam Khan के नफरती बयान को लेकर 27 अक्टूबर को एमपी एमएलए ने उन्हें दोषी करार दिया था. साथ ही आजम पर तीन साल की सजा और 6 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसी के अगले दिन कोर्ट ने अजाम खान की विधायकी भी रद्द करने के आदेश जारी कर रामपुर विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया . चुनाव आयोग ने 5 नवंबर को रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी . इसके लिए गजट अधिसूचना 10 नवंबर को जारी होनी थी, लेकिन इससे पहले 7 नवंबर को आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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सुप्रीम कोर्ट ने सेंशन कोर्ट को भेजा
आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल कर सरकार की मंशा और चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये. इस पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में निचली अदालत में जाने के आदेश दिये. इस पर आजम खान ने सेशन कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की. जिस पर गुरुवार शाम 4 बजे के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया.
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बरकरार रहेगा एमपी एमएलए कोर्ट का आदेश
सेशन कोर्ट ने गुरुवार को आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया. शाम 4 बजे कोर्ट ने अपने फैसला में एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को बरकरार रखने के आदेश दिये. इसके बाद एक बार फिर से आजम खान की मुश्किलें बढ़ गई है.
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आजम खान की विधायकी नहीं होगी बहाल, सेशन कोर्ट में याचिका खारिज, उपचुनाव की राह साफ