डीएनए हिंदी: रामचरितमानस को स्वामी प्रसाद मौर्य ने जबसे बकवास ग्रंथ बताया है, तब से ही समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रेदश में सियासी मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनके बयान के बचाव में समाजावादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव को आगे आना पड़ा है. अब उन्होंने कहा है कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है. हम सभी ग्रंथों का सम्मान करते हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) केवल लोगों को मुद्दों से भटका रही है. बीजेपी देश को बांटना चाहती है.
शिवपाल यादव से जब रामचरित मानस की प्रतियां जलाने पर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि जो गलत है उसके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए. किसी का भी उत्पीड़न होगा तो पार्टी विरोध करेगी. शिवपाल यादव ने मीडिया का ध्यान बंटाने के लिए कहा केशव प्रसाद मौर्य बड़बोले हैं, उन्हें मैनपुरी की जनता ने सबक सिखाया है.
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रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते. सब बकवास है, जिसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश हटाने चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. उनके बयान पर समाजवादी पार्टी बुरी तरह से घिर गई है.
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लखनऊ में जलाई गई थीं रामचरितमानस की प्रतियां
रामचरितमानस को लेकर यूपी की राजनीति में हंगामा हो रहा है. स्वामी प्रसाद ने इसे दलित विरोधी बताया था और कहा था कि यह बकवास ग्रंथ है. उनके समर्थन में OBC महासभा ने रामचरितमानस की प्रतियां लखनऊ में जलाई थीं. सपा खुलकर स्वामी प्रसाद मौर्य का बचाव कर रही है. उन्हें उनके बयानबाजी के बाद भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महासचिव बना गया है. सपा मंडल-कमंडल के फॉर्मूले पर आगे बढ़कर लोकसभा चुनाव 2024 को साधने की कोशिश कर रही है.
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रामचरितमानस विवाद: नहीं मान रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, आलम ये कि शिवपाल यादव को पड़ रहा झुकना, लीपापोती में लगी सपा