डीएनए हिंदीः 10 जून को राज्यसभा की 57 सीटों होने वाले चुनाव (Rajya Sabha Election) से पहले खेमेबंदी तेज हो गई है. कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) दोनों के लिए ही यह चुनाव कितना मायने रखता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक-एक सीट के लिए अलग रणनीति तैयार हो रही है. बीजेपी ने पहली बार राज्यसभा चुनाव के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को चार राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गजेंद्र सिंह शेखावत को क्रमश: राजस्थान और हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है. वहीं हरियाणा और राजस्थान में निर्दलीय प्रत्याशियों के मैदान में उतने के बाद कांग्रेस की चिंता बढ़ गई हैं. सूत्रों के मुताबिक अपने खेमे को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के अपने सभी विधायकों को उदयपुर के एक रिजॉर्ट में रखा है और हरियाणा के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज दिया है. दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं.
हरियाणा में निर्दलीय ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें
हरियाणा से कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के प्रभारी अजय माकन को कैंडिडेट बनाया है. वहीं कार्तिकेय शर्मा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने से सियासी जंग रोचक हो गई है. जजपा ने कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देने की घोषणा के बाद कांग्रेस अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त से डरी हुई है. दरअसल पिछली बार कांग्रेस के विधायकों के पेन की स्याही बदलने से 19 वोट निरस्त हो गए थे. कांग्रेस अबकी बार इस तरह की कोई गलती नहीं दोहराना चाहती है. राज्यसभा चुनाव में किसी भी तरह की राजनीतिक तोड़फोड़ से बचाने के लिए हरियाणा कांग्रेस के विधायकों को बाड़ेबंदी में छत्तीसगढ़ ले जाया गया है. हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 40 और कांग्रेस के 31 विधायक हैं. वहीं बीजेपी की सहयोगी जजपा के 10 विधायक हैं. विधानसभा में इंडियन नेशनल लोक दल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक और सात निर्दलीय विधायक हैं.
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राजस्थान में भी राह आसान नहीं
बात राजस्थान की करें तो यहां कांग्रेस के पास 108 मत हैं और बीजेपी के पास 71 मत. ऐसे में कांग्रेस आसानी से दो और बीजेपी एक सीट जीत सकती है. कांग्रेस की कोशिश 13 निर्दलीय विधायकों के अलावा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के दो-दो मतों को हासिल करने की है ताकि वह अपने उम्मीदवार प्रमोद तिवारी की जीत सुनिश्चित कर सके. बीजेपी ने चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है. इससे मुकाबला और रोचक हो गया है. राजस्थान में बीजेपी ने राज्य के पूर्व मंत्री घनश्याम तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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