डीएनए हिंदी: राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) एक बार फिर से चर्चा में है. अक्टूबर महीने में इसका FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. इसका मतलब है कि अब यह संस्था विदेश से चंदा नहीं ले सकती. इसी को लेकर कांग्रेस (Congress) पार्टी की ओर से मंगलवार को संसद में सवाल उठाया गया. इस पर मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने जवाब दिया कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से फंडिंग ली. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि मैं इस मामले पर कांग्रेस की बेताबी समझता हूं. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास (Chinese Embassy) से 1.35 करोड़ रुपये की फंडिंग ली थी जो कि FCRA के नियमों के मुताबिक सही नहीं है.

इस मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'मैं प्रश्न काल में सवालों की सूची देखी और प्रश्न संख्या 5 देखकर मैं कांग्रेस की चिंता समझ सकता हूं. यह सवाल राजीव गांधी फाउंडेशन का FCRA लाइसेंस कैंसल किए जाने से जुड़ा था. अगर वे मुझे जवाब देने देते तो मैं बताता कि इस संगठन ने साल 2005 से 2007 के बीच चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये लिए. FCRA के मुताबिक यह सही नहीं था इसलिए गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस कैंसल कर दिया.'

यह भी पढ़ें- Himachal Pradesh में सीएम पद के बाद मंत्री बनने की लगी होड़, राहुल गांधी ने सभी विधायकों को बुलाया

अधीर रंजन बोले- PM Care में भी चीनी कंपनियों ने दिया चंदा
इस मामले पर कांग्रेस ने सख्त ऐतराज जताया. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर कहा, 'पीएम केयर फंड की भी जांच करवाइए और देखिए कि उसमें किसने चंदा दिया है. पीएम केयर फंड में भी कई सारी चाइनीज़ कंपनियों ने चंदा दिया है.' मंगलवार को संसद में भारत-चीन संघर्ष के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ, इस वजह से सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें- सीमा पर लगातार भिड़ रहे भारत और चीन, फिर भी बढ़ता जा रहा है कारोबार, आखिर कैसा है ये रिश्ता

अमित शाह ने यह भी कहा, 'राजीव गांधी फाउंडेशन का FCRA लाइसेंस कैंसल होने की एक वजह यह भी है कि जाकिर नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने भी इसे 50 लाख रुपये का चंदा दिया था. मैं राजीव गांधी फाउंडेशन के सदस्यों से पूछना चाहता हूं कि जाकिर नाइक ने आपको चंदा क्यों दिया? देश की जनता इस पर आपकी सफाई चाहती है?' इन आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इन दोनों मुद्दों का आपस में कोई लेना-देना ही नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस के लोग दोषी हैं तो उनको फांसी पर चढ़ा दिया जाए.

राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है?
यह संस्था एक गैर-सरकारी संगठन है. मौजूदा समय में सोनिया गांधी इसकी मुखिया हैं. इस संगठन के ट्रस्टियों में पी चिंदबरम, डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे लोग शामिल हैं. अक्टूबर 2022 में गृह मंत्रालय ने इस संगठन का FCRA लाइसेंस कैंसल कर दिया था. FCRA, 2010 की धारा 12 के मुताबिक, संगठन ने कई नियमों का उल्लंघन किया था. लाइसेंस कैंसल होने के बाद यह संगठन विदेश से फंडिंग नहीं ले सकता.

यह भी पढ़ें- तवांग में झड़प के बाद बढ़ा तनाव, चीन की फोसुन फार्मा कंपनी ने कर ली भारत छोड़ने की तैयारी

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया था, 'पिछले 3 सालों में कुल 1,811 संस्थाओं के FCRA लाइसेंस कैंसल किए गए. यह कार्रवाई फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) ऐक्ट, 2010 की धारा 14 के तहत की गई.'

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Rajiv Gandhi Foundation ban by fcra modi government says it had chinese connection
Short Title
राजीव गांधी फाउंडेशन का चाइनीज़ कनेक्शन? समझिए क्या है पूरा मामला
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Rajiv Gandhi Foundation
Caption

Rajiv Gandhi Foundation

Date updated
Date published
Home Title

राजीव गांधी फाउंडेशन का चाइनीज़ कनेक्शन? समझिए क्या है पूरा मामला