डीएनए हिंदी: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे तय करेंगे की कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार बनी रहेगी या फिर से इस राज्य में लोग बदलाव देखेंगे. राजस्थान के चुनावी नतीजे से पहले लोग कई तरह के दावे और अनुमान लगा रहे हैं. कुछ चुनावी रणनीतिकार बीजेपी की सरकार बना रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का दावा है कि एक बार फिर से कांग्रेस राजस्थान की सत्ता पर काबिज होगी. यह तो राजस्थान की जनता तय करेगी कि सत्ता किसके हाथ में होगी लेकिन हम आपको राजस्थान कि उन चर्चित सीटों के बारे में बताएंगे, जहां से कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता मैदान में हैं. चुनावी नतीजे कुछ भी हो लेकिन सबकी निगाहें इन सीटों पर बनी रहेगी.  

सरदारपुरा सीट - राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने सरदारपुरा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. प्रदेश की राजनीति में इन्हें 'जादूगर' भी कहा जाता है.  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1977 में जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. अशोक गहलोत यहां से लगातार 5 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. अब आज आने वाले ये चुनावी नतीजे तय करेंगे कि वह इस बार भी इस सीट पर जीत दर्ज करेंगे या नहीं. भारतीय जनता पार्टी ने सरदारपुरा सीट से महेंद्र सिंह राठौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है. महेंद्र सिंह राठौड़ जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के पूर्व अध्यक्ष हैं. राठौड़ ने कांग्रेस सरकार आने के बाद जेडीए से इस्तीफा दे दिया था. माना जा रहा है कि बीजेपी ने राजपूत वोट साधने के लिए उन्हें इस सीट से मैदान में उतारा है.

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झालरापाटन - राजस्थान के झालावाड़ जिले की सबसे हॉट सीट झालरापाटन विधानसभा सीट से दो बार राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे मैदान में हैं. इस विधानसभा सीट पर वसुंधरा राजे का पिछले 34 वर्षों से कब्जा रहा है. वह यहां से 5 बार विधायक और 4 बार सांसद रह चुकी हैं. सुंधरा राजे ने झालरापाटन सीट से पहली बार वर्ष 2003 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था और 27375 वोटों से जीत हासिल करके पहली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनी थीं. इसके बाद वे लगातार चार बार झालरापाटन सीट से विधायक बनती आ रही हैं. वहीं, इस बार कांग्रेस ने यहां से रामलाल चौहान को मैदान में उतारा है. रामलाल पीसीसी मेंबर के साथ प्रधान भी रह चुके हैं.

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टोंक - राजस्थान विधानसभा चुनाव में हॉट सीट टोंक से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट फिर से मैदान में हैं. पायलट यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ लोगों का दावा है कि इस बार सचिन के लिए सीट आसान नहीं रहने वाली है, सीएम गहलोत से बगावत करने के बाद उन्हें कांग्रेस के मतदाताओं से फायदा नहीं मिलेगा. कांग्रेस पार्टी के कई समर्थक उनकी बगावत के चलते उनसे खुश नहीं है, ऐसे में उन्हें इस बार नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालाकिं ये चुनावी नतीजे तय करेंगे कि सीएम गहलोत के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करना उन्हें जीत की ओर ले जाएगी या फिर उन्हें मायूस होना पड़ेगा. वहीं, इस सीट से भाजपा ने अजीत सिंह मेहता को चुनावी मैदान में उतारा है. अजीत सिंह मेहता 2013 में टोंक से विधायक बने थे. टोंक में 2.46 लाख से अधिक मतदाता हैं. इनमें मुस्लिम, गुर्जर और अनुसूचित जाति के लोग अच्छी खासी संख्या में हैं.

विद्याधर नगर- राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेत्री दिया कुमारी के नाम की खूब चर्चा है. दिया कुमारी जयपुर के पूर्व महाराजा दिवंगत ब्रिगेडियर भवानी सिंह की इकलौती बेटी हैं, जिन्हें साल 1971 के युद्ध में उनकी वीरता के लिए महावीर चक्र मिला था. दिया कुमारी की सियासत में एंट्री पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ही करवाई थी. दिया को सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया और वह साल 2013 से 2018 तक सवाई माधोपुर से विधायक रहीं. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राजसमंद से चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने एक बार फिर जीत दर्ज की. भाजपा ने उन्हें जयपुर के विद्याधर नगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. विद्याधर नगर से भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह विधायक हैं लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर राजसमंद की सांसद दिया कुमारी को इस सीट से मैदान में उतारा है. विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने दूसरी बार सीताराम अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. विद्याधर नगर विधानसभा सीट पर कुल वोटरों की संख्या 275664 है. 

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तारानगर - तारानगर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. आजादी के बाद यहां अधिकतर समय यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही है. बीजेपी ने इस सीट से अपने दिग्गज नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को फिर चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर सभी की नजरें लगी हुई हैं. तारानगर में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का यहां वर्तमान कांग्रेस पार्टी से विधायक नरेंद्र बुडानिया से सीधा मुकाबला है. तारानगर में लंबे समय तक कांग्रेस का राज रहा है. 2008 में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ये सीट अपने नाम जीत दर्ज कर किया था. राठौड़ के लिए अब यह सीट चुनौती बनी हुई है तो नरेंद्र बुडानिया के लिए भी यह सीट इतनी आसान नहीं है.  चूरू जिले की 6 विधानसभा सीटों के 16 लाख 37 हजार 687 मतदाता हैं. इस जिले में  74.78 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जो इन नेताओं की किस्मत बताएंगे.

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Rajasthan Election 2023 5 Hot Seat Results Ashok Gehlot Vasundhara Raje Sachin Pilot Diya Kumari
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राजस्थान की इन हॉट सीटों पर टिकी हैं सबकी निगाहें, जनता सुनाएगी फैसला
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Rajasthan election 2023: राजस्थान की इन हॉट सीटों पर टिकी हैं सबकी निगाहें, जनता सुनाएगी फैसला 

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