जर्मन महिला पर्यटक के साथ रेप केस में आरोपी उड़ीसा के पूर्व DGP के बेटे बिट्टी होत्रा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने बिट्टी होत्रा की ओर से समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है.
7 में 5 साल की सजा काट चुके है Bitti Hotra
बी टी होत्रा को इस मामले में निचली आदालत से 7 साल की सजा हुई थी. इसमें से पांच साल की सजा Bitti Hotra काट चुके है. ये चौथे स्टेज के कैंसर से भी पीड़ित है. ये यचिका उनका इलाज कराने के आधार पर ही दायर की गई थी.
रिहाई की याचिका पर Supreme Court ने लगाया ब्रेक
बिट्टी होत्रा की इस याचिका का राजस्थान सरकार की ओर से अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में विरोध किया. बहस के बाद जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अरविंद कुमार की वेकेशन बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन बिट्टी होत्रा द्वारा शेष सजा के लिए उड़ीसा की कटक जेल में ट्रांसफर करने के अनुरोध को स्वीकार किया है.
7 साल की जेल और लगा था जुर्माना
गौरतलब है कि अलवर की जिला अदालत ने 20 मार्च, 2006 को जर्मन पर्यटक से दुष्कर्म करने के मामले में तत्कालीन IPS अधिकारी के पुत्र बिट्टी होत्रा मोहंती उर्फ बिट्टी मोहंती को दोषी माना था. अदालत ने 12 अप्रैल, 2006 को फैसला सुनाते हुए मोहंती को 7 साल की कैद और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी.
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5 जून तक सरेंडर करने के दिए आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए Bitti Hotra को दोषी माना. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले के अनुसार सजा पुरी करने के लिए 5 जून तक जेल में सरेण्डर करने के आदेश दिए थे. Supreme Court से होत्रा को 31 मार्च, 2017 को जमानत दी गई थी, जिसके चलते उसे शेष सजा भुगतने के लिए ही 5 जून, 2024 तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया.
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Bitti Hotra की रिहाई याचिका पर लगा ब्रेक, जर्मन महिला पर्यटक से दुष्कर्म का था मामला