डीएनए हिंदी: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद सड़क से लेकर संसद तक संग्राम छिड़ा है. कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने की के मूड में नजर आ रही है. लोकसभा में मंगलवार को इसी मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. विपक्षी दल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल इस मामले में लोकसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) लाने की तैयारी कर रहे हैं.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टी सोमवार यानी 3 अप्रैल को स्पीकर ओम बिरला के खिलाफ लोकसभा में प्रस्ताव पेश कर सकते हैं. विपक्षी दलों के पास इस अविश्वास प्रस्ताव को लाने के लिए 50 सांसदों का समर्थन चाहिए. विपक्ष के पास इस प्रस्ताव को लाने के लिए संख्याबल तो है लेकिन समस्या ये है कि तब तक सदन की कार्यवाही चलेगी, मौजूदा हंगामे को देखते हुए इसके आसार बहुत कम लग रहे हैं. क्योंकि संसद के दोनों सदनों में राहुल गांधी की सदस्यता जाने और अडानी मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा हो रहा है.
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संसद में लगातार 11वें दिन जारी रहा गतिरोध
अडानी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित किए जाने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में मंगलवार को भी हंगामा किया जिससे उच्च सदन में लगातार 11वें दिन भी गतिरोध जारी रहा और एक बार के स्थगन के बाद बैठक को दोपहर दो बजकर 3 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया. सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसी दौरान कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह पर लगे कारपोरेट जालसाजी और अन्य आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित किए जाने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. कुछ सदस्यों ने काले कपड़े पहने हुए थे.
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कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के समक्ष भी आ गए और ‘मोदी अडाणी भाई भाई’ के नारे लगाए. अन्य दलों के सदस्य अपने स्थानों से ही नारेबाजी करते देखे गए. आवश्यक दस्तावेज रखवाते समय सभापति ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का नाम पुकारा. जब पुरी अपने नाम के आगे उल्लेखित दस्तावेज सदन के पटल पर रखने लगे तभी विपक्षी सदस्यों का हंगामा बहुत तेज हो गया. हंगामा कर रहे सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर पुरी से माफी की मांग भी उठाई. दस्तावेज रखवाने के बाद सभापति ने नियम 267 का जिक्र करते हुए कुछ कहना चाहा लेकिन हंगामे के कारण वह रुक गए. उन्होंने कहा कि वह व्यवस्था देंगे.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बवाल
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से कांग्रेस अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे. अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है.
गौरतलब है कि 13 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लगातार गतिरोध बना हुआ है. उच्च सदन में जम्मू कश्मीर के बजट तथा वित्त विधेयक 2023 को सरकार के एक संशोधन के साथ बिना चर्चा के, ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया. इस संशोधन के कारण वित्त विधेयक पर कल लोकसभा की दोबारा मंजूरी ली गई.
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राहुल गांधी की सदस्यता पर विपक्ष एकजुट, लोकसभा स्पीकर के खिलाफ लाएगा अविश्वास प्रस्ताव