डीएनए हिंदी: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए भी बिसात बिछा दी है. राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है कि वह साल 2011 की जाति आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करें. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि देश की सत्ता और धन में बराबर हिस्सेदारी के लिए यह पहला जरूरी कदम होगा. बिहार में भी गठबंधन सरकार राज्य में जातिगत जनगणना करवा रही है. ऐसे में अब चर्चा हो रही है कि 2024 में विपक्ष बीजेपी को घेरने के लिए जातिगत जनगणना के मुद्दे को और भी बड़ा बनाएगा. दूसरी तरफ, इस मामले में बीजेपी काफी हिचकती रही है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि केंद्र सरकार में केवल सात प्रतिशत सचिव अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी), दलित और आदिवासी समुदाय के हैं. पिछले महीने मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने पर संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद राहुल गांधी की कर्नाटक में यह पहली रैली है. इस पहली रैली में ही राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उछालकर बड़ा दांव खेला है. यह मुद्दा कर्नाटक चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक काफी प्रभावशाली हो सकता है.

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जातिगत जनगणना बनेगा विपक्ष को जोड़ने की कुंजी?
बिहार में जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ऐसे दल हैं जो जातिगत जनगणना के पक्षधर हैं. सत्ता हाथ में आते ही आरजेडी-जेडीयू गठबंधन ने बिहार में जातिगत जनगणना शुरू भी करवा दी है. विपक्ष के नेता 'जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी' की वकालत कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस का खुलकर जातिगत जनगणना के समर्थन में उतरना इन विपक्षी पार्टियों को जोड़ने का जरिया बन सकता है.

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2011 में सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी) की थी. जातिगत आंकड़ों को छोड़कर जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. न्यायालय के मुताबिक विभिन्न समुदायों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की सीमा पार नहीं होनी चाहिए. हालांकि, कुछ राज्यों में इस सीमा से ज्यादा आरक्षण दिया किया गया है. 

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ओबीसी के मुद्दे पर मोदी को घेर रहे राहुल
राहुल गांधी ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कोलार में कांग्रेस की 'जय भारत' चुनावी रैली में कहा, 'यूपीए सरकार ने 2011 में जाति आधारित जनगणना की. इसमें सभी जातियों के आंकड़े हैं. प्रधानमंत्री जी, आप ओबीसी की बात करते हैं. उस डेटा को सार्वजनिक करें. देश को बताएं कि देश में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं.'

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आंकड़ों को सार्वजनिक करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर सभी को देश के विकास का हिस्सा बनना है तो प्रत्येक समुदाय की आबादी का पता लगाना जरूरी है. राहुल गांधी कहा, 'अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह ओबीसी का अपमान है. साथ ही, आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की सीमा को हटा दें.' कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि सचिव भारत सरकार की "रीढ़" होते हैं लेकिन केंद्र सरकार में दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों से संबंध रखने वाले केवल सात प्रतिशत सचिव हैं.'

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rahul gandhi demands caste census data to be released challenges pm narendra modi
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लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना होगा मुख्य एजेंडा? राहुल गांधी ने पीएम मोदी को दी
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लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना होगा मुख्य एजेंडा? राहुल गांधी ने पीएम मोदी को दी चुनौती