'हमारे बच्चों को आग लगा दो, हमारे घर को आग लगा दो, 25 साल पहले बसाईं हमारी दुकानें तो हमसे छीन लीं. अब हम बच्चों की शादी और उनका पेट कैसे पालेंगे.' रोती बिलखती आवाज में एक बुजुर्ग कश्मीरी पंडित जम्मू के मुठी में अपनी दुकान जम्मू डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा गिराए जाने पर बोल रहा था. ये सिर्फ एक शख्स के पेट की आवाज नहीं था बल्कि करीब 12 दुकानदारों का दर्द था. इन दुकानदारों की पीड़ा का वीडियो महमूमा मुफ्ती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर डाला है.
आखिर क्या है मामला?
जम्मू विकास प्राधिकरण (JDA) ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों की करीब 12 दुकानों पर बुलडोजर चला दिया. इस कार्रवाई से दुकानदार नाराज हैं. उनका कहना है कि उन्हें पहले कोई सूचना नहीं दी गई थी. उन्हें सामान बटोरने तक का समय नहीं दिया गया और उनकी दुकानें गिरा दी गईं. दुकानदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. यह घटना बुधवार को हुई, जब जम्मू शहर में मुठी कैंप के पास स्थित कश्मीरी पंडितों की दर्जन भर दुकानों को जेडीए ने ढहा दिया. ये दुकानें लगभग तीन दशक पहले विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने बनाई थीं. इस तोड़फोड़ के बाद दुकानदारों की आजीविका पर संकट आ गया है. अब इस मामले पर सियासी बवाल शुरू हो गया है.
Heartbreaking scenes emerge as Kashmiri Pandit shopkeepers stand helplessly by the rubble of their demolished shops, reportedly brought down by the JDA without prior notice. This comes as yet another blow to a community that has endured unimaginable hardships for decades. What… pic.twitter.com/jyQ1w9yPhB
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 21, 2024
मामले पर क्या है JDA का पक्ष?
25 साल पहले कश्मीर से विस्थापित होकर जम्मू आए कश्मीर पंडितों को जेडीए ने अपनी जमीन पर अस्थायी रूप से दुकानें लगाने की अनुमति दी थी. प्राधिकरण ने इस स्थान पर फ्लैट बनाने की योजना बनाई तो यहां दुकान लगाने वालों से हटने के लिए कहा. कई बार उन्हें नोटिस दिया गया, साथ ही दूसरी जगह विस्थापित करने का आश्वासन भी दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि नोटिस के बावजूद भी नहीं हटने पर जेडीए ने बुधवार को अपनी जमीन खाली करवा ली. वहीं, राहत एवं पुनर्वास विभाग के आयुक्त अरविंद करवानी ने घटनास्थल का दौरा कर दुकानदारों को आश्वासन दिया कि मुठी टाउनशिप के फेज-2 में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा और प्रभावित दुकानदारों को नई दुकानें आवंटित की जाएंगी.
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मामले पर सियासी बवाल
इस घटना पर अब सियासी बवाल शुरू हो गया है. पीडीपी और भाजपा दोनों ने मिलकर उमर अब्दुल्ला सरकार पर निशाना साधा. महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- 'दिल दहला देने वाले दृश्य तब सामने आए जब कश्मीरी पंडित दुकानदार अपनी ध्वस्त दुकानों के मलबे के पास असहाय खड़े थे, कथित तौर पर जेडीए ने बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें गिरा दिया. यह उस समुदाय के लिए एक और झटका है जिसने दशकों से अकल्पनीय कठिनाइयों को झेला है. आदिवासी समुदाय की संपत्तियों को लक्षित करके ध्वस्त करने की शुरुआत अब कश्मीरी पंडितों तक पहुंच गई है, जिससे उनमें अलगाव और नुकसान की भावना और भी गहरी हो गई है. हम सीएम उमर अब्दुल्ला से आग्रह करते हैं कि वे इस गंभीर अन्याय को करुणा और तत्परता से देखें. वहीं, भाजपा ने इसे बदले के भावना की कार्रवाई बताया है.
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जम्मू में कश्मीरी पंडितों की 'रोजी-रोटी' पर सवाल! दुकानों पर चला बुलडोजर, घेरे में अब्दुल्ला सरकार