पिछले कुछ दशक में रोजगार के लिए बड़ी संख्या में लोग दूसरे देशों में पलायन कर रहे हैं. खाड़ी देशों में कई बार मजदूरों को बेहद दयनीय हालात में जीवन बिताना पड़ता है. ऐसी ही कहानी इस महिला की है, जो पिछले लगभग डेढ़ साल से गल्फ देश में है. महिला एक घर में घरेलू सहायिका का काम कर रही है, जिसमें 14 लोग रहते हैं. उसने अपनी आपबीती शेयर कर मदद की गुहार लगाई है.
मुंह पर थूकते हैं घर के मालिक
पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली महिला ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में बताया कि उसे रहने के लिए एक छोटा सा कमरा दिया गया है. उसने कहा, 'मेरे कमरे में कोई कुंडी नहीं है और मुझे रात के किसी भी वक्त उठा दिया जाता है. घर में एक अरबी बाबा हैं, जो आवाज लगाते हैं और मेरे मुंह पर थूक देते हैं. मुझे थूक साफ कर फिर से घर के कामों में जुट जाना पड़ता है.'
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परिवार के लोगों से मिलने के लिए तरस रही जसमीत
महिला ने नौकरी के लिए विदेश आने के सवाल के जवाब में बताया कि परिवार के लोगों की बीमारी की वजह से एक एजेंट के जरिए वह होशियारपुर से ओमान पहुंची थी. एक मीडिया चैनल को सुनाई अपनी आपबीती में कहा कि एक बार उसने मदद के लिए इंडियन एंबेसी को भी फोन किया था. उससे कहा गया कि अगर वह एंबेसी पहुंच जाती है, तो उसकी मदद की जाएगी. उसका कहना है कि उसके पास बिल्कुल पैसे नहीं है और घर से बाहर निकलने का भी मौका नहीं है.
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बता दें कि भारत सरकार की ओर से बार-बार कहा जाता है कि सिर्फ रजिस्टर्ड एजेंट के जरिए ही विदेश नौकरी के लिए जाना चाहिए. कहीं भी जाएं, तो स्थानीय पासपोर्ट ऑफिस और उस देश में भारतीय दूतावास के साथ संपर्क में रहना चाहिए. अपना पासपोर्ट एजेंट के पास जमा नहीं करना चाहिए.
(सुरक्षा कारणों से बंधक महिला की पहचान जाहिर नहीं की जा रही है.)
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