डीएनए हिंदी: एक तरफ कांग्रेस और तमाम विपक्षी पार्टियां 2024 से पहले गठबंधन बनाने की कोशिशों में हैं. दूसरी तरफ, दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के नियमों को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल सभी विपक्षी पार्टियों का साथ चाहते हैं. इस मामले में दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने साफ कह दिया है कि वे आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन करने के पक्ष में बिल्कुल नहीं हैं. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ मुलाकात में इन नेताओं ने दो टूक जवाब दे दिया है और आखिरी फैसला पार्टी हाई कमान पर छोड़ दिया है.
अध्यादेश का मामला हो या भविष्य में कांग्रेस और AAP का गठबंधन, इन दोनों ही मुद्दों पर दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने सख्त विरोध जताया है. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि गठबंधन वहां तो बिल्कुल नहीं हो सकता, जहां विचारधारा ही पूरी तरह से अलग हो. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने भी पार्टी नेतृत्व से कहा है कि AAP का साथ देना ठीक नहीं होगी.
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In the meeting of Congress leaders from Delhi and Punjab with party president Mallikarjun Kharge, Delhi's leaders told him that there should not be any alliance with AAP in Delhi. They also told him that the party should not be seen standing with Arvind Kejriwal on the issue of…
— ANI (@ANI) May 29, 2023
राहुल गांधी और खड़गे से मिले दिल्ली-पंजाब के नेता
AAP का समर्थन न करने की बात कह रहे पंजाब के नेताओं को दिल्ली बुलाया गया था. मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने इन नेताओं से सोमवार को मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली कांग्रेस ने पार्टी हाई कमान के साथ कहा कि किसी भी स्थिति में AAP के साथ गठबंधन नहीं होना चाहिए. इसके अलावा कांग्रेस कहीं भी AAP के साथ खड़ी नहीं दिखनी चाहिए.
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#WATCH | "An alliance cannot be formed if there are ideological differences," says former Punjab Congress President Navjot Singh Sidhu on the question of alliance with the Aam Aadmi Party in 2024 pic.twitter.com/F2VVgBnF8A
— ANI (@ANI) May 29, 2023
पंजाब कांग्रेस के नेता भी AAP का साथ देने के मूड में नहीं हैं क्योंकि पंजाब में दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे की मुख्य विपक्षी पार्टी हैं. कांग्रेस नेताओं को डर है कि अगर दोनों ने हाथ मिला लिया तो कांग्रेस इन राज्यों में पूरी तरह खत्म हो जाएगी. हालांकि, इन नेताओं ने आखिरी फैसला कांग्रेस के हाई कमान पर छोड़ दिया है.
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कैसे बनेगी विपक्ष की एकता? AAP का साथ देने को राजी नहीं हैं दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेता