डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में कुछ पाकिस्तानी नागरिकों की संपत्तियों का पता चला है. इन संपत्तियों की कीमत करोड़ों रुपये में आंकी गई है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत करवाए जा रहे इस सर्वे में ग्रेटर नोएडा में कुल 64 शत्रु संपत्तियों का पता चला है. इनके मालिक पहले भारतीय नागरिक ही थे लेकिन 1947 में बंटवारे के बाद वे पाकिस्तान चले गए और वहीं के नागरिक हो गए. अब जिला प्रशासन इन संपत्तियों की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने की तैयारी में है.
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार इस तरह की शत्रु संपत्तियों का पता लगाकर उसे बेचने की तैयारी में है. इसके लिए जिला प्रशासन से डेटा मांगा गया था. इसी के तहत सर्वे करवाया गया. नोएडा में इसकी शुरुआत दादरी तहसील से हुई. बरौला के चार, हाजीपुर के चार और शाहबेरी के कुल 9 खसरा नंबर ऐसे हैं जिन पर शत्रु संपत्तियां पाई गई हैं.
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शत्रु संपत्ति क्या होती है ?
देश के बंटवारे के बाद जो लोग भारत से जाकर पाकिस्तान में बस गए उनकी संपत्तियों को भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है. भारत सरकार ने इस बारे में 10 सितंबर 1959 को एक आदेश जारी किया था. शत्रु संपत्ति से जुड़ा दूसरा आदेश 18 दिसंबर 1971 को जारी किया गया था. आसान भाषा में समझें तो शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जिसमें संपत्ति का दुश्मन कोई व्यक्ति ना होकर देश होता है.
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जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार ने ऐसी 9,400 संपत्तियों की पहचान की थी. इसकी कीमत 1 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है. ऐसे मामलों के लिए केंद्र सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम भी पारित कराया था. बाद में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान भी इसमें संशोधन किए गए. इस अधिनियम के तहत ऐसी तमाम संपत्तियों के मालिकान को अपनी जायदाद के रख-रखाव के लिए कुछ अधिकार भी हासिल हैं.
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ग्रेटर नोएडा में मिली पाकिस्तानियों की करोड़ों की संपत्ति, सर्वे ने उड़ा दिए होश