डीएनए हिंदी: निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने शनिवार को नागरिकों से विरोध व्यक्त करने और अपनी मांगों को आगे बढ़ाने के लिए गांधीवादी (Gandhism) तरीकों को अपनाने की अपील की. उन्होंने राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय हित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों के कल्याण के लिए जरूरी चीजों पर गंभीरता पूर्वक विचार करने की अपील की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं देश के नागरिकों का सदा आभारी रहूंगा. संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विदाई भाषण में सांसदों को संबोधित करते हुए रामनाथ कोविंद ने भारतीय संसदीय प्रणाली (Parliamentary system) की तुलना एक बड़े परिवार से की और सभी पारिवारिक मतभेदों को हल करने के लिए शांति, सद्भाव और संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया.
'गांधीवादी तरीकों पर चलकर मांगे अपना अधिकार'
रामनाथ कोविंद ने कहा कि अपना विरोध व्यक्त करने और अपनी मांगों के समर्थन में दबाव बनाने का नागरिकों को संवैधानिक अधिकार है, लेकिन उन्हें गांधीवादी तरीकों को अपनाकर अपने अधिकारों का शांतिपूर्वक उपयोग करना चाहिए.
President of India: जमीनी स्तर के सियासतदां से प्रथम नागरिक बनने तक, जानिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पूरा सफर
'राष्ट्रहित में काम करना हो सर्वोच्च प्राथमिकता'
रामनाथ कोविंद ने राजनीतिक दलों को अपने संदेश में कहा, 'जैसा कि किसी भी परिवार में होता है, संसद में कभी-कभी मतभेद होते हैं और विभिन्न राजनीतिक दलों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं. लेकिन हम सभी इस संसदीय परिवार के सदस्य हैं जिनकी सर्वोच्च प्राथमिकता निंरतर राष्ट्र हित में काम करने की होनी चाहिए.'
क्यों अहम है रामनाथ कोविंद की यह टिप्पणी?
रामनाथ कोविंद की यह टिप्पणी ऐसे समय में काफी मायने रखती है, जब कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण संसद की कार्यवाही अक्सर बाधित हो रही है. देश के अलग-अलग हिस्सों में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
Draupadi Murmu की जीत के बाद आया यशवंत सिन्हा का पहला रिएक्शन, बोले-उम्मीद करता हूं कि...
गांधी का रामनाथ कोविंद ने क्यों किया जिक्र?
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राजनीतिक दलों और लोगों के पास अपना विरोध व्यक्त करने के लिए कई संवैधानिक तरीके हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने दूसरे पक्ष का सम्मान करते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शांति और अहिंसा का उपयोग किया था. रामनाथ कोविंद ने कहा कि राजनीतिक दलों की अपनी प्रणाली और राजनीतिक प्रक्रिया है. उन्होंने कहा, 'राजनीतिक दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और इस बात पर विचार करना चाहिए कि नागरिकों के विकास और कल्याण के लिए क्या आवश्यक है.'
President Election 2022: राष्ट्रपति होते हैं देश के पहले नागरिक, जानिए आपका लिस्ट में कौन सा है नंबर
द्रौपदी मुर्मू कब लेंगी राष्ट्रपति पद की शपथ?
गुरुवार को देश की राष्ट्रपति निर्वाचित हुईं द्रौपदी मुर्मू सोमवार को 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी. वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी होंगी. कोविंद ने मुर्मू को शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनके मार्गदर्शन से देश को फायदा होगा. (इनपुट: भाषा)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
अपने विदाई भाषण में क्या बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सियासी दल और सांसदों को क्या दी सलाह?