डीएनए हिंदी: देश की आजादी के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले पर ध्वजारोहण किया. पीएम मोदी ने 140 करोड़ परिवार जन को दी स्वतंत्रता दिवस की बधाई. अब हम जनसंख्या के लिहाज से भी विश्व में नंबर 1 पर हैं. उन्होंने पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के असहयोग और सत्याग्रह आंदोलन को याद किया. साथ ही, भगत सिंह, राजगुरु और चंद्रशेखर समेत तमाम क्रांतिकारियों और उस वक्त के देशवासियों के बलिदान और संघर्ष को याद किया और उन्हें नमन किया.
उन्होंने अरविंदो की 150वीं जयंती, स्वामी दयानंद सरस्वती के 150वीं जयंती, रानी दुर्गावती की जन्मशती, मीराबाई के 525 वर्ष का भी जिक्र किया. आगामी 26 जनवरी के बारे में उन्होंने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी. उन्होंने कहा कि इस साल प्राकृतिक आपदा ने देश के अलग-अलग हिस्सों में अकाल्पनिक नुकसान किया है. इन हादसों में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है मैं उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और उम्मीद जताता हूं राज्य और केंद्र मिलकर उससे उबरेंगे.
यह भी पढ़ें- एक-एक चीज बांटने के लिए लड़े थे भारत-पाक, शराब बड़े आराम से बंटी
मणिपुर का भी किया जिक्र
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से नॉर्थ ईस्ट और मणिपुर हिंसा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश मणिपुर के साथ है और उम्मीद करता है कि मणिपुर लोग पिछले कुछ दिनों की तरह ही शांति बनाए रखेंगे और हम मिलकर इसका हल निकालेंगे. पीएम मोदी ने कहा, 'मेरे प्यारे परिवार जनों, कुछ क्षण ऐसे आते हैं जो शुरुआत में छोटी घटना लगते हैं लेकिन वो आगे चलकर वे अनेक समस्याओं की जड़ बन जाते हैं. हजारों साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ लेकिन तब नहीं पता था कि इस छोटे से आक्रमण से भारत हजारों साल के लिए गुलामी की बेड़ियों में जकड़ जाएगा.'
#WATCH | PM Modi to the youth of the nation on 77th Independence Day
— ANI (@ANI) August 15, 2023
"There is no dearth of opportunities in the country. The country has the ability to provide endless opportunities.." pic.twitter.com/hxJ5yQyd0h
उन्होंने आगे कहा, 'मां भारती बेड़ियों से मुक्त होने के लिए उठ खड़ी हुई थी. देश की नारी शक्ति, देश के किसान-मजदूर, गांव के लोग कोई ऐसा नहीं था जो आजादी के लिए लड़ा न हो. जंगों में जवानी खपाने वाले अनेक महापुरुष गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए लगे हुए थे. जनचेतना और त्याग-तपस्या का वह व्यापक रूप आखिरकार 1947 में देश को आजाद कराने में कामयाब हुआ और देशवासियों की आजादी के सपने पूरे हुए. मैं हजार साल पहले की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं कि हम ऐसे कालखंड में जी रहे हैं कि या तो हम जवानी में जी रहे हैं या हम भारती की गोद में जन्म ले रहे हैं.'
यह भी पढ़ें- Independence Day: दिल्ली में पहली बार आई इतनी भीड़, कुछ यूं मना था पहला स्वतंत्रता दिवस
हजार साल के भविष्य की तस्वीर
मेरे शब्द लिखकर रखिए, इस कालखंड में हम जो कदम उठाएंगे उससे आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास अंकुरित होने वाला है. गुलामी की बेड़ियों से निकला देश 'पंच प्रण' के आधार पर आगे बढ़ रहा है. भारत मां एक बार फिर जागृत हो चुकी है. पिछले 9-10 साल हमने अनुभव किया है कि दुनियाभर में भारत की चेतना के प्रति एक नया विश्वास और नई आशा पैदा हुई है. यह प्रकाश पुंज जो भारत से उठा है उससे विश्व को एक नई ज्योति नजर आ रही है.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says, "The largest democracy of the world and now also the leading country in terms of population. Such a large country, 140 crore members of my family are celebrating #IndependenceDay today." pic.twitter.com/DFVh34wyNh
— ANI (@ANI) August 15, 2023
हम एक हजार साल की गुलामी और आगामी एक हजार साल के बीच में खड़ें हैं. अब हमें रुकना नहीं है. हमें उस खोई हुई विरासत का गर्व करते हुए हमें यह सोचना है कि हम जो भी फैसला लेंगे वह अगले एक हजार साल तक भारत की दिशा निर्धारित करने वाला है और भारत के भाग्य को लिखने वाला है. जो सौभाग्य युवाओं को मिला है वो शायद ही किसी को नसीब होता है इसलिए हमें इसे गंवाना नहीं है. युवा शक्ति पर मुझे भरोसा है, उसमें सामर्थ्य है, हमारी नीतियां भी युवाओं को बल देने के लिए हैं.
युवाओं महिलाओं पर जोर
हमारे छोटे शहर आकार और आबादी में छोटे हो सकते हैं लेकिन आशा और आकांक्षा, प्रयास और प्रभाव में वे किसी से कम नहीं हैं. नए ऐप, टेक्नोलॉजी, सॉल्यूशन, खेल हर क्षेत्र में यही पराक्रम दिखा रहे हैं. पीएम मोदी ने युवाओं, महिलाओं, मजदूरों, कामगारों, इंजीनियर्स और अन्य सभी वर्गों के योगदान को याद किया और कहा कि इन्हीं के बलबूते यह देश आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि विश्व का भारत पर विश्वास देश की नीतियों के आधार पर है.
इस बदलते हुए विश्व को शेप देने में मेरे 140 करोड़ परिवार जन सबसे आगे खड़े हैं. कोरोना महामारी में जब दुनिया की सप्लाई चेन तहस-नहस हो गई थी, तब भी हमने कहा था कि हमें मानवीय संवेदनाओं के प्रति ध्यान देना होगा. आज ग्लोबल इकोनॉमी और ग्लोबल सप्लाइ चेन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है. आज जो भारत की स्थिति है वह दुनिया में स्थिरता लेकर आई है. आज दुनिया के मन में कोई इफ या बट नहीं है, विश्वास बन चुका है. अब गेंद हमारे पाले में है, हमें अवसर जाने नहीं देना चाहिए, हमें मौका छोड़ना नहीं है.
फॉर्म, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म, परफॉर्म का नारा
हमारे देशवासियों ने 30 साल के अनुभव के बाद 2014 में तय किया कि देश को आगे ले जाना है तो देश को एक मजबूत और स्थिर सरकार की जरूरत है. देशवासियों ने अस्थिरता के माहौल से भारत को मुक्ति दिलाई. आज की सरकार समय का पल-पल और पैसे की पाई-पाई देश को आगे ले जाने में लगा रही है. हमारी एक ही प्राथमिकता 'नेशन फर्स्ट' यानी 'राष्ट्र प्रथम' है. 2014 और 2019 में आपने एक सरकार फॉर्म की तो मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई और जब मोदी ने रिफॉर्म किए तो ब्यूरोक्रेसी के लाखों लोगों ने ट्रांसफॉर्म करने के लिए परफॉर्म करने की जिम्मेदारी उठाई.
रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म, परफॉर्म की यह सोच देश को आगे बढ़ाने के लिए है. दुनिया को युवा स्किल की जरूरत है जिसके लिए हमने अलग मिनिस्ट्री बनाई. हमने जलशक्ति मंत्रालय बनाया. हमने अलग आयुष मंत्रालय बनाया और हेल्थ केयर सेक्टर में सामर्थ्य साबित किया. मछुआरों, पशुपालन और अन्य कार्यों के लिए हमने अलग से मंत्रालय बनाया. हमने कोऑपरेटिव आंदोलन को मजबूत करने के लिए हमने अलग से कोऑपरेटिव मंत्रालय बनाया ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति की सुनवाई हो.
पिछली सरकारों पर साधा निशाना
हम 2014 में आए तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे और अब 140 करोड़ लोगों के सामर्थ्य से 5वें नंबर पर है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमने लीकेज बंद किया और भ्रष्टाचार से घिरे भारत को मुक्ति दिलाई. ईमानदारी से अगर देश का पैसा खर्च करने वाली सरकार हो तो देश आगे बढ़ता है. आंकड़े देखकर आपको लगेगा कि इतना बड़ा बदलाव? 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये जाते थे अब यह आंकड़ा 100 लाख करोड़ रुपये जाते थे. स्थानीय निकाय के लिए 70 हजार करोड़ का बजट बढ़कर 3 लाख करोड़ हो गया है. गरीबों के घर बनाने के लिए 4 लाख करोड़ दिए जा रहे हैं.
यूरिया के लिए देश की सरकार 10 लाख करोड़ की सब्सिडी दे रही है. 20 लाख करोड़ रुपये मुद्रा योजना के तहत युवाओं को कारोबार शुरू करने के लिए दिए हैं. 8 करोड़ लोगों ने शुरू किए हैं. वन रैंक वन पेंशन के लिए 70 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं. सभी कैटगरी में पहले की तुलना में कई गुना फंड दिया गया है. पाई-पाई का उपयोग देश का भाग्य बदलने में हमने इस्तेमाल किया है. हमारे इन सारे प्रयासों का परिणाम है कि पांच साल में ही साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी की जंजीरों को तोड़कर बाहर आए हैं. जीवन का इससे बड़ा संतोष नहीं होता है.
विश्वकर्मा योजना शुरू करने की तैयारी
सुनार, लोहार, राजमिस्त्री आदि के लिए विश्वकर्मा जयंती पर हम विश्वकर्मा योजना को 13 से 15 हजार करोड़ रुपये से शुरू करेंगे. हमने आयुष्मान भारत योजना, जनधन योजना, पशुधन बचाने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये, जन औषधि केंद्र आदि के लिए खूब पैसे खर्च किए हैं. अब देश में 25 हजार जन औषधि केंद्र होंगे. देश में गरीबी कम होती है तो मध्यम वर्ग की ताकत बहुत बढ़ती है. आने वाले 5 साल में देश पहले तीन वैश्विक इकोनोमी में जगह ले लेगा, यह मोदी की गारंटी है. घर बनाने के लिए लोन में ब्याज से राहत दी जाएगी. मध्यम वर्ग के परिवारों को आगे बढ़ने के लिए मदद की जाएगी.
हम दुनियाभर से सामान इंपोर्ट करते हैं तो हमें महंगाई भी इंपोर्ट करनी पड़ती है. हमने इसके लिए भरसक प्रयास किए हैं लेकिन हमें इतने से राहत नहीं है. आज देश आधुनिकता की ओर बढ़ने के लिए काम कर रहा है, आज देश ग्रीन हाइड्रोजन के लिए काम कर रहा है, स्पेस में काम हो रहा है तो डीप सी मिशन पर भी कम हो रहा है. मेट्रो, रैपिड रेल, बुलेट ट्रेन, क्वांटम कंप्यूटर, FPO का निर्माण हो रहा है तो हम सेमी कंडक्टर का भी निर्माण करने जा रहे हैं. हम खिलाड़ियों को स्पेशल ट्रेनिंग दे रहे हैं. आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़कर काम कर रहा है. हम जिसका शिलान्यास करते हैं उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं. इन दिनों जिनका शिलान्यास हम कर रहे हैं उनका उद्घाटन भी आपने मेरे ही जिम्मे छोड़ा हुआ है.
हमने समय से पहले बना दी नई संसद
हमारे देश में 25 साल से संसद बनाने की चर्चा हो रही थी. ये मोदी है जिसने समय से पहले नई संसद बनाकर रख दिया. ये नया भारत है, ये काम करने वाला भारत है. ये भारत न रुकता है, न थकता है, ये भारत न हांफता और न ही ये भारत हारता है. हमारी सीमाएं पहले से अधिक सुरक्षित हुई है. मैं आजादी के मौके पर सीमा पर बैठे जवानों और देश के अंदर सुरक्षा का काम रहे जवानों को मैं बधाई देता हूं. सेना को आधुनिक और युवा बनाने के लिए रिफॉर्म हो रहा है. पहले हर जगह लिखा रहा था कि यहां बम धमाका हुआ, वहां बम धमाका हुआ. अब सीरियल बम धमाकों का जमाना बीती हुई बात हो गई है. आज देश में आतंकी हमलों में कमी आई है, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में परिवर्तन आया है.
हम 2047 में विकसित भारत का सपना लेकर चल रहे हैं, यह हमारा संकल्प है. इसे पूरा करने के लिए हम परिश्रम की पराकाष्ठा दिखा रहे हैं. दुनिया में जो भी देश संकटों से निकले हैं, उनमें राष्ट्रीय चरित्र ही अहम कैटलिस्ट रहा है. आने वाले 25 साल हम एक ही मंत्र को लेकर चलें कि भारत की एकता को आंच आए ऐसी मेरी भाषा न हो, हर वक्त देश को जोड़ने का प्रयास हो. हम सब एकता के भाव के साथ आगे बढ़ें. हमें श्रेष्ठ भारत के मंत्र को जीना होगा.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं
- Log in to post comments
लाल किले से क्या-क्या बोले पीएम मोदी, पढ़ें स्वतंत्रता दिवस का पूरा भाषण