डीएनए हिंदी: पीएम मोदी आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर आज उन्होंने देश में विलुप्त हो चुके चीतों के पुनर्त्थोन के लिए प्रोजेक्ट चीता का उद्घाटन किया है. इस मौके पर उन्होंने नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में से तीन को कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों में छोड़कर देश को एक बड़ी सौगात दी है. इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों से कहा है कि वे इन चीतों कों को एक मेहमान की तरह समझें.
कूनो नेशनल पार्क में चीतों की देखभाल की जिम्मेदारी चीता मित्रों को दी गई है. पीएम मोदी ने चीता मित्रों से कहा,"कूनो में चीता जब फिर से दौड़ेगा तो यहां बायोडायवर्सिटी बढ़ेगी. यहां विकास की संभावनाएं जन्म लेंगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. PM ने लोगों से अपील की कि अभी धैर्य रखें, चीतों को देखने नहीं आएं. ये चीते मेहमान बनकर आए हैं. इस क्षेत्र से अनजान हैं. कूनो को ये अपना घर बना पाएं. इसके लिए इनको सहयोग देना है."
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पर्यावरण के साथ विकास भी
पीएम मोदी ने चीतों के आगमन पर कहा है कि इन चीतों के जरिए हमारे जंगल का एक बड़ा शून्य भर रहा है. हमारे यहां बच्चों को चीता के बारे में ज्यादा कुछ पता ही नहीं है. भारत में अब बच्चे चीता को अपने ही देश में देख पाएंगे. उन्होंने कहा, "आज हम पूरे दुनिया को संदेश दे रहे हैं कि हम पर्यावरण के साथ विकास भी कर सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हम पांचवी अर्थव्यवस्था भी बने हैं और पर्यावरण का संरक्षण भी कर रहे हैं.
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पीएम ने कहा है कि हमने उस समय को भी देखा जब प्रकृति के दोहन को शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक मान लिया गया था. 1947 में जब देश में केवल 3 चीते बचे थे, तो उनका भी शिकार कर लिया गया. ये दुर्भाग्य रहा कि 1952 में हमने चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया. लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक सार्थक प्रयास नहीं किए.
सरकार ने शुरू किया है प्रोजेक्ट
पीएम ने प्रोजेक्ट चीतें को लेकर कहा, "आज आजादी के अमृत काल में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है. यह एक ऐसा काम है, राजनीतिक दृष्टि से जिसे कोई महत्व नहीं देता, इसके पीछे हमने वर्षों ऊर्जा लगाई. चीता एक्शन प्लान बनाया. हमारे वैज्ञानिकों ने नामीबिया के एक्सपर्ट के साथ काम किया. पूरे देश में वैज्ञानिक सर्वे के बाद नेशनल कूनो पार्क को शुभ शुरुआत के लिए चुना गया.
प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी भारत के लिए सस्टेनेबिलिटी और सिक्योरिटी के विषय नहीं हैं. हमारे लिए ये सेंसिबिलिटी और स्प्रिचुअलिटी का भी आधार हैं."
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कब से देख सकेंगे आम लोग
अब सवाल यह है कि जब ये चीते भारत आ गए हैं तो सवाल यह है कि इन्हें आम लोग कम देख सकेंगे. इसको लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि इसमें कुछ वक्त लगेगा. उन्होंने कहा है कि कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा.
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कांग्रेस ने किया था प्रोजेक्ट का दावा
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि 'प्रोजेक्ट चीता' के प्रस्ताव को मनमोहन सिंह की सरकार के शासनकाल में स्वीकृति मिली थी. कांग्रेस पार्टी की ओर से यह दावा तब किया गया है जब एक दिन बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क कार्यक्रम में जाने वाले थे.
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