'क्वाड की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व तनावों-संघर्षों से घिरा हुआ है. ऐसे में क्वाड का साथ मिलकर चलना मानवता के लिए बहुत जरूरी है.'
ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड (क्वाड्रलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) सम्मेलन में कहीं. प्रधानमंत्री मोदी अपने 10 साल के कार्यकाल में आज 9वीं बार अमेरिका दौरे पर हैं. अमेरिका में उन्होंने बीती रात शनिवार देर रात करीब 1:30 बजे (भारतीय समयानुसार) विलमिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापानी पीएम फूमियो किशिदा के साथ क्वाड समिट में हिस्सा लिया. क्वाड देशों ने अपना संयुक्त बयान जारी किया है.
PM मोदी के तीन दिवसीय दौरे में किस दिन क्या होगा?
प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं. इस दौरान वे 21 सितंबरर को डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की. पीएम मोदी 22 सितंबर यानी आज न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय से जुड़े कार्यक्रम में भाग लेंगे. इसके अलावा 23 सितंबर को प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र के समिट ऑफ द फ्यूचर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. 23 सितंबर पीएम मोदी का अमेरिकी दौरे का अंतिम दिन होगा.
क्वाड समिट के साझा बयान में क्या-क्या कहा गया?
- रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता जताई गई. आतंकवाद और चीन पर बात की गई. क्वाड नेताओं ने कहा कि हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी रूपों की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं. आतंकवादी हमलों के अपराधियों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की बात कही गई.
- इस समिट में नार्थ कोरिया के बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की कड़ी निंदा की गई. क्वाड नेताओं ने नॉर्थ कोरिया से अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को बंद करने की सलाह दी और आपस में बातचीत पर लौटने को कहा. क्वाड नेताओं ने चिंता व्यक्त की कि ये न्यूक्लियर प्रोग्राम अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं. साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप से परमाणु हथियारों को खत्म करने पर भी जोर दिया है. क्वाड नेताओं ने कहा कि हम प्रासंगिक UNSRCs के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता तय करते हैं और सभी देशों से इन UNSRCs को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं.
- क्वाड नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात की. संयुक्त बयान में एशियाई, लेटिन, अफ्रीकी, कैरेबियाई और अमेरिकी देशों को शामिल करने की बात कही गई. संयुक्त राष्ट्र परिषद की स्थायी और अस्थायी सदस्यता के विस्तार पर जोर दिया गया. क्वाड नेताओं का मानना है कि ऐसा करने से UN परिषद समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बननेगा.
- इस क्वाड समिट में दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई गई. संयुक्त बयान में कहा गया कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं. कोस्ट गार्ड और सैन्य समुद्री जहाजों के खतरनाक इस्तेमाल की निंदा की गई. समुद्री सीमा से जुड़े विवादों को UNCLOS के नियमों के तहत निपटाने के लिए कहा गया है. नेताओं ने कहा कि हम विवादित सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने वाले युद्धाभ्यासों के बारे में अपनी गंभीर रूप से चिंतित हैं.
- क्वाड नेताओं ने कहा कि क्वाड वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के एक तिहाई का प्रतिनिधित्व करता है. हम इंडो-पैसिफिक में वैश्विक सुरक्षा, शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम किसी भी अस्थिर या एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं. क्वाड नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्रों में अवैध मिसाइल प्रक्षेपणों की निंदा की.
यह भी पढ़ें - PM Modi US Visit: पीएम मोदी और बाइ़डेन की मीटिंग खत्म, एयरपोर्ट पर उतरते ही लगे 'मोदी-मोदी' के नारे, देखें Video
जाते-जाते QUAD समझ लीजिए
क्वाड एक ऐसा संगठन है जो साल 2007 में बनाया गया. यह एक सुरक्षा सहयोग संगठन है. 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसकी स्थापना की थी. क्वाड का उद्देश्य हिंद और प्रशांत महासागर में शांति और सहयोग को बढ़ावा देना और आर्थिक और सैन्य रूप से चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला करने के लिए इस संगठन की स्थापना की गई थी. क्वाड में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान चार सदस्य देश शामिल हैं.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
PM Modi US Visit: QUAD देशों का संयुक्त बयान जारी, आपके काम की 5 बातें