डीएनए हिंदी: भारत कूटनीतिक तौर पर ऐतिहासिक रूप से फिलिस्तीन का समर्थक रहा है. हालांकि, इजरायल पर हमास के हमले के बाद पीएम मोदी ने इजरायल के लोगों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए आतंकी हमले की निंदा की थी. इजरायल के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाते हुए पीएम ने अब फिलिस्तीन पर भारत का स्टैंड भी साफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि इजरायल और हमास में जंग के बीच गुरुवार (19 अक्टूबर) को फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की है. गाजा के अल-अहली अस्पताल में हुए विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दोनों देशों के संबंधों को लेकर भी रुख स्पष्ट किया है. बता दें कि विदेश मंत्रालय ने भी अपनी ब्रीफिंग में स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन का समर्थन किया था.
पीएम मोदी ने एक्स पर बातचीत के बारे में कहा, 'फिलस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ मेरी बातचीत हुई है. इस दौरान मैंने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि हम फिलस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे. हमने क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की है.' कूटनीतिक कदमों के लिहाज से पीएम मोदी की यह चर्चा महत्वपूर्ण है.
Spoke to the President of the Palestinian Authority H.E. Mahmoud Abbas. Conveyed my condolences at the loss of civilian lives at the Al Ahli Hospital in Gaza. We will continue to send humanitarian assistance for the Palestinian people. Shared our deep concern at the terrorism,…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2023
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PM Modi का बयान कूटनीतिक दृष्टि से है महत्वपूर्ण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को कूटनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है. इजरायल के समर्थन में अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश हैं जबकि फिलिस्तीन का समर्थन रूस और चीन जैसे देश कर रहे हैं. भारत और इजरायल की नजदीकियों के लिहाज से फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से बात करके पीएम ने एक साथ पुरानी विदेश नीति के अलावा रूस को भी साधने का प्रयास किया है. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिहाज से भारत का स्टैंड निर्णायक साबित हो सकता है.
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विदेश नीति के साथ देश में विपक्षियों को भी किया शांत
बता दें कि कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक में फिलिस्तीन के लिए एकजुटता का बयान जारी किया गया था. लेफ्ट समेत कई विपक्षी दल फिलिस्तीन के लिए संवेदना का इजहार कर चुके हैं. ऐसे में पीएम मोदी की फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से बातचीत अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के साथ ही देश के सियासी समीकरणों को साधने के लिए भी महत्वपूर्ण है. इजरायल पर आतंकी हमले की निंदा के साथ पीएम ने फिलिस्तीन के लिए संवेदना जाहिर कर कूटनीतिक लिहाज से बड़ा कदम उठाया है.
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पीएम मोदी ने की फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से बात, जानें क्या कहा भारत के स्टैंड पर