डीएनए हिंदीः प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 (Places of Worship Act) को लेकर दाखिल याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने  केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को 31 अक्टूबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी. केंद्र के हलफनामा दाखिल करने के एक हफ्ते बाद याचिकाकर्ता और जमीयत उलेमा ए हिंद भी इस मामले में जवाब दाखिल करेंगे.  

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा-जवाब दाखिल करेंगे या नहीं? 
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट केंद्र के रुख को लेकर नाराज दिखाई दिया. सुनवाई के दौरान जस्टिस यूयू ललित ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि आपको काफी पहले की नोटिस जारी किया जा चुका है. अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. क्या आप नोटिस का जवाब देंगे या नहीं? एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वह तय समय में जवाब दाखिल कर देंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा था.  

ये भी पढ़ेंः AIIO चीफ उमर इलियासी को मिली Y+ श्रेणी की सुरक्षा, मोहन भागवत से मुलाकात के बाद मिली थी धमकी

उपासना स्थल कानून को दी गई है चुनौती
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को चुनौती दी गई है. ये याचिकाएं सेना के रिटायर्ड अधिकारी अनिल काबोत्रा, वकील चंद्रशेखर, देवकीनंदन ठाकुर, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, रुद्र विक्रम सिंह और बीजेपी के पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय की ओर से दाखिल की गई हैं. इसमें कहा गया है कि ये कानून हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय के खिलाफ है. इसके रहते वह उन पवित्र स्थलों पर दावा नहीं कर सकते, जिनकी जगह पर विदेशी आक्रमणकारियों ने जबरन मस्जिद बना दी थी.  

ये भी पढ़ेंः कुमार विश्वास और बग्गा के खिलाफ पंजाब सरकार ने दर्ज कराई थी FIR, हाई कोर्ट ने कर दिया खारिज

क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट?
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 (Places of Worship Act 1991) को 1991 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार के समय लाया गया था. इस कानून के मुताबिक 15 अगस्त 1947 को धार्मिक स्थलों (Religious Places) की स्थिति जैसी थी, उन्हें वैसा ही रखा जाना चाहिए. हालांकि अयोध्या के राम मंदिर के मामले को इससे अलग रखा गया.  कानून में यह भी लिखा है कि अगर ये सिद्ध भी हो जाए कि वर्तमान धार्मिक स्थल को इतिहास में किसी दूसरे धार्मिक स्थल को तोड़कर बनाया गया था, तो भी उसके वर्तमान स्वरूप को बदला नहीं जा सकता है. इसके अलावा धार्मिक स्थल को किसी दूरे पंथ से स्थल में भी नहीं बदला जाएगा. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
places of worship act supreme court issue notice to centre Next Hearing on 14th November
Short Title
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं पर SC का केंद्र को नोटिस
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Date updated
Date published
Home Title

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं पर SC का केंद्र को नोटिस, 31 अक्टूबर तक मांगा जवाब