डीएनए हिंदी: सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वाली घटनाओं में शामिल होने, दंगों का आरोप लगने और टेरर फंडिंग (Terror Funding) जैसे कई मामले सामने आने के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को केंद्र सरकार ने बैन कर दिया है. अब लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) समेत कई विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) को भी बैन किया जाए. कुछ नेताओं ने कहा है कि आरएसएस (RSS) भी पीएफआई (PFI) की ही तरह है इसलिए उसे बैन किया जाए. आपको बता दें कि आरएसएस को पहले कई बार बैन भी किया जा चुका है. 

डॉ. केशव बलीराम हेडगेवार ने साल 1925 में आरएसएस की स्थापना की थी. इस संगठन को अब तक कुल तीन बार प्रतिबंधि भी किया जा चुका है. पहली बार साल 1947 में, दूसरी बार 1975 में और तीसरी बार साल 1992 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन बाद में इस पर से प्रतिबंध हटा लिया गया. आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर आरएसएस को कब-कब और क्यों-क्यों बैन किया गया था.

यह भी पढ़ें- PFI Ban पर अजमेर शरीफ दरगाह का बड़ा बयान, मुस्लिम लीग ने कही ये बात

महात्मा गांधी की हत्या और RSS पर बैन
साल 1948 में जब महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने गोली मार दी थी तब सरदार वल्लभ भाई पटेल केंद्रीय गृहमंत्री हुआ करते थे. 4 फरवरी 1948 को जारी एक आदेश के मुताबिक, आरएसएस को नफरत और हिंसा फैलाने के आरोप में आरएसएस को प्रतिबंधित किया गया था. इस पत्र में कहा गया, 'आरएसएस के सदस्यों ने अवांछनीय और खतरनाक गतिविधियों में हिस्सा लिया है. यह तथ्य सामने आया है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने हिंसा, लूट, डकैती और हत्या जैसे अपराध किए हैं.'

हालांकि, खुद वल्लभ भाई पटेल ने ही 18 महीने के बाद आरएसएस पर लगाए गए बैन को हटा लिया. एक अघोषित शर्त यह रखी गई कि आरएसएस राजनीति से दूर रहेगा. कुछ जानकारों का मानना है कि इसी के बाद भारतीय जनसंघ की स्थापना की नींव पड़ी और आगे चलकर यही जनसंघ आज की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बन गई.

इमरजेंसी के समय भी लगा बैन
दूसरी बार, आरएसएस पर बैन साल 1975 में लगा. इंदिरा गांधी की सरकार ने साल 1975 में देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया था. उस समय उन तमाम नेताओं को जेल में डाल दिया गया जो सत्ता के विरोधी समझे जाते थे या जिन्होंने इंदिरा गांधी सरकार की कथित तानाशाही का खुलेआम विरोध जताया था. हालांकि, इस बैन को भी इमरजेंसी खत्म होने के साथ ही वापस ले लिया.

यह भी पढ़ें- लालू यादव की पार्टी का बड़ा बयान, इन संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग

बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय भी खतरे में आया 'RSS'
हिंदूवादी संगठनों की अगुवाई में साल 1992 में अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया था. उस समय पी पी नरसिंह राव की केंद्र में सरकार थी. शंकरराव बलवंतराव चव्हाण उस समय देश के गृहमंत्री थे. बाबरी विध्वंस के बाद आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), बजरंग दल, जमात-ए-इस्लामी और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
pfi banned lalu yadav demands rss too here is when rashtriya swayamsevak sangh was banned
Short Title
PFI Ban के बाद उठी मांग, जानिए कब-कब और क्यों बैन हो चुका है RSS?
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Caption

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

Date updated
Date published
Home Title

PFI Ban के बाद उठी मांग, जानिए कब-कब और क्यों बैन हो चुका है RSS?