पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के माफीनामे से असंतुष्टि जताई. कोर्ट ने आईएमए के अध्यक्ष आरवी अशोकन से पूछा कि बिना शर्त उनका माफीनामा क्या उन सभी अखबारों में प्रकाशित हुआ, जिन्होंने उनका इंटरव्यू छापा था. अशोकन ने 29 अप्रैल को PTI-भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने एसोशिएशन और प्राइवेट फिजिशियन के कुछ तौर-तरीके की भी अलोचना की.
इंटरव्यू में वह पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन के बारे में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे. सु्प्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि माफीनामा अशोकन द्वारा व्यक्तिगत रूप से समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाना चाहिए, न कि आईएमए के कोष से. कोर्ट आईएमए द्वारा 2022 में दायर की गई उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पंतजलि पर कोविड टीकाकरण कैंपेन और आधुनिक चिकित्सा पद्धति को बदनाम करने की मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
9 जुलाई को अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उनका माफीनामा कई अखबारों में प्रकाशित हुआ था. IMA के वकील ने कहा था कि अशोकन की बिना शर्त माफीनामा एसोसिएशन के मासिक प्रकाशन, आईएमए वेबसाइट और पीटीआई द्वारा भी प्रकाशित किया गया था.
यह भी पढ़ें- लालकृष्ण आडवाणी की फिर तबीयत बिगड़ी, Apollo Hospital में कराए गए भर्ती
'मुसीबत को आमंत्रित कर रहे हैं IMA चीफ'
जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने आईएमए के वकील से कहा कि माफीनामा उन सभी अखबारों में प्रकाशित होना चाहिए था, जिनमें अशोकन का इंटरव्यू छपा था. पीठ ने पूछा, ‘क्या यह उन सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था, जहां आपका साक्षात्कार प्रकाशित हुआ था?’ पीठ ने यह भी कहा कि आईएमए अध्यक्ष मुसीबत को आमंत्रित कर रहे हैं.
IMA की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पीठ से कहा कि अशोकन खुद को अवमानना से बचाने के लिए उचित कदम उठाएंगे. पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 अगस्त तय की. इससे पहले 14 मई को सुनवाई के दौरान पीठ ने अशोकन से साक्षात्कार में अदालत के खिलाफ उनके हानिकारक बयानों पर कुछ कठिन सवाल पूछे थे और कहा था, ‘आप सोफे पर बैठकर प्रेस को साक्षात्कार नहीं दे सकते और अदालत का मजाक नहीं उड़ा सकते.’ (इनपुट-PTI)
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़े.
- Log in to post comments
'क्या माफीनामा उन्हीं अखबारों में छपा...', पतंजलि विवाद पर SC ने IMA को फिर लगाई लताड़